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खुदाई में निकली मूर्ति के लिए पुलिस ही बन गई चोर, लेकिन हाथ लगा नकली मोर...जानें क्या है मामला

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उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर निवासी बबलू के खेतों में मिली बेशकीमती मूर्ति के बिस्कुट बनाकर खुद बुर्द करने पर एडीजीपी ने केस दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं. आईजी हिसार रेंज एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने आदेश दिए हैं कि सीआइए-टू इंचार्ज सहित पूरे स्टाफ एफआइआर दर्ज की जाए. सीआइए-टू इंचार्ज सहित आठ पुलिसकर्मी इसमें आरोपी हैं.

एडीजीपी के सामने 15 मार्च को यह मामला सामने आया था और उन्होंने खुद मामले की जांच की. दो दिन की जांच के बाद हांसी पुलिस की सारा खेल सामने आ गया. जांच में सामने आया कि सीआइए टू टीम ने मूर्ति हजम करने की नीयत  से मूर्ति को पिघलाकर उसके बिस्कुट बना लिए, जो एकदम सोने की धातु की तरह दिखते हैं.

सीआइए से सोने की तरह दिखने वाले सभी आठ बिस्कुट, जिसमें चार बड़े और चार छोटे बिस्कुट हैं, बरामद कर लिए हैं. बरामद बिस्कुट के सैंपल लेकर कार्बन डेटिंग के लिए सैंपल लैब भिजवाएं हैं, जिससे पता चलेगा कि मूर्ति को पिघलाकर जो बिस्कुट बनाए गए हैं, वह मूर्ति कितने साल पुरानी है.

मूर्ति को हांसी सीआई-टू ने यूपी के जिला शाहजहांपुर तहसील जलालाबाद के गांव राजपुर नांगला निवासी बबलू से हांसी में बरामद की थी. इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू और हिसार के शिव ज्वेलर विवेक की संदिग्धता की भी जांच चल रही है. हांसी एसपी नितिका गहलोत ने इसको लेकर शुक्रवार को प्रेसवार्ता की और खुद का पक्ष सामने रखा.

हांसी पुलिस का कहना है कि यूपी का टटलू गैंग सोने की मूर्ति बता किसी ज्वेलर्स को ठगना चाह रहा था. इसमें 5 अन्य लोग शामिल थे. सरगना यूपी का बाबा रामदास था. हिसार और हांसी में ये कई लोगों से संपर्क कर चुके थे. पुलिस को इसकी भनक मिल गई. फिर गिरोह की कड़ी के तौर पर हांसी में कई माह से रह रहा यूपी का बबलू हाथ लगा. उसके पास से मूर्ति भी मिल गई, लेकिन बाकी लोग फरार हो गए. बबलू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

ये था मामला

यूपी के रहने वाले बबलू ने एडीजीपी को 15 मार्च को शिकायत की थी. शिकायत में बताया था कि उसे ये मूर्ति अपने खेतों में मिली थी. वो इसकी जांच के लिए अपने जानकारों के साथ हिसार आया था. हांसी सीआईए-टू ने उन्हें बस स्टैंड पर पकड़ लिया. एक दिन हिरासत में रखा और बाद में मूर्ति अपने पास रख उसे डरा धमका कर भगा दिया. बाद में जब वो दोबारा पुलिस से मिले तो उन्हें बताया कि मूर्ति नकली थी. बबलू का कहना है कि यूपी से वो मूर्ति अपने एक जानकार विवेक पाटिल के पास हिसार में लेकर आया था. विवेक हिसार के एक नामी ज्वेलर्स के पास काम करता है. मूर्ति जांचने के बाद विवेक ने बताया था कि करीब 4 किलाग्राम वजन की ये मूर्ति 80 फीसदी के करीब सोने की बनी है.

एसपी बोलीं-सही जांच के लिए मूर्ति को पिघलाना जरूरी था 

पूरे मामले में एसपी हांसी नितिका गहलोत की भूमिका पर सवाल उठने के बाद उन्होंने पूरे केस में सीआइए की ओर से बरती गई लापरवाही पर कई कर्मियों पर विभागीय जांच बैठा दी है. हांसी पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि मूर्ति को पिघलाने से पहले और बाद में पिघलाकर बनाए गए बिस्कुट की लैब जांच रिपोर्ट एक जैसी है. एसपी नितिका गहलोत ने मीडिया के साथ दो जांच रिपोर्ट शुक्रवार को साझा की. इसमें एक मूर्ति को पिघलाने से पहले और एक उसे पिघलाकर बनाए बिस्कुट की थी. ये पुलिस के कब्जे में हैं.

दोनों रिपोर्ट में तत्वों की समानता एक जैसी है. वहीं मूर्ति पिघलाकर उसे खुर्द-बुर्द करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि सही जांच के लिए ये प्रोसेस जरूरी था. विशेषज्ञों की निगरानी में ये पूरी पड़ताल हुई है. मूर्ति में तांबा व जस्त जैसे सामान्य तत्व ही थे. हांसी पुलिस का दावा है कि यूपी का टटलू गैंग सोने की मूर्ति बता किसी ज्वेलर्स को ठगना चाह रहा था.

धरोहर नहीं थी मूर्ति, वेबसाइट पर 5 हजार में मिल रही

एसपी हांसी मूर्ति को जब सीआईए ने कब्जे में लिया था, उसकी फोटो व आरोप लगाने वाले जो फोटो उपलब्ध करा रहे हैं, इसे जब वेबसाइट पर गूगल लेंस से सर्च किया तो वैसी ही मूर्ति कई वेबसाइट पर 5 हजार रुपये तक में मिल रही थी. टटलू गैंग से दूसरे प्रदेशों में बरामद मूर्ति भी वेबसाइट से ही खरीदी गई थी. लोग मूर्ति को किसी धर्म की धरोहर बता माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

हांसी मामले में पूरे टटलू गैंग की पहचान हो चुकी है। इस गिरोह में यूपी का बाबा रामदास, विमलेश, शिवेंद्र व राघवेंद्र शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ हिसार के ज्वेलर्स विवेक की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है.

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