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New Express Way : उत्तर भारत के राज्यों को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए बन रहा नया एक्सप्रेसवे, इन लोगों को मिलेगा फायदा

एनसीआर को जल्द ही नया एक्सप्रेस मिलने वाला है इससे पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा।
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उत्तर भारत के राज्यों को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए बन रहा नया एक्सप्रेसवे, इन लोगों को मिलेगा फायदा 

New Express Way: एनसीआर को जल्द ही नया एक्सप्रेस मिलने वाला है इससे पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। 86 किलोमीटर लंबा इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से पनियाला मोड़ से अलवर तक के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ साथ ही उत्तर भारत के सभी राज्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से सीधे जुड़ सकेंगे. 

1400 करोड़ रुपये होंगे खर्च 

उत्तर भारत के राज्यों को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इस नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण जल्द ही शुरू होगा और यह 86 किलोमीटर लंबा होगा। इस परियोजना के लिए 1400 करोड़ रुपये खर्च होंगे, और यह उत्तर भारत के लोगों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान करेगा, क्योंकि वे दिल्ली और मुंबई के बीच आसानी से सफर कर सकेंगे।

हरियाणा के महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रोहतक, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला, जींद, रोहतक, और भिवानी के लोग अब सीधे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर पहुंच सकेंगे। इसके लिए एक नया एक्सप्रेस-वे बन रहा है, जिसे पनियाला मोड़ से अलवर तक बनाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत यह एक्सप्रेस-वे अंबाला एक्सप्रेस वे से जुड़ा जाएगा, जिससे उत्तर भारत के लोग दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर बिना दिल्ली जाने आसानी से सफर कर सकेंगे। इससे यातायात में बड़ी सुविधा होगी और लोगों को संचालन की दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।

किसानों को मिला करोड़ों का मुआवजा

इस नए एक्सप्रेस-वे का नाम "148बी" है और यह कोटपूतली, बानसूर, मुंडावर, किशनगढ़ बास, अलवर, और बड़ौदामेव तक पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे पर इंटरचेंज अंडरपास फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे, जिससे यातायात को सुविधा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 56 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, और अलवर जिले में 1748 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान, किसानों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिया जा रहा है, जो उनके भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ उन्हें मिल रहा है। यह प्रोजेक्ट उनके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है।

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