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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश से हजारों पुलिसकर्मियों की नौकरी खतरें में, जानें क्या है पूरा मामला

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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश ने हरियाणा पुलिस विभाग में कार्यरत कई पुलिसकर्मियों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है.

हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार करेगा और संशोधित लिस्ट तैयार होने में करीब दो महीने का समय लगेगा.

ऐसे में इस नई प्रकिया के कारण 1054 पुलिस कांस्टेबल की नौकरी पर ख़तरे के बादल मंडरा रहे हैं.

हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाधिवक्ता कार्यालय ने शुक्रवार को HSSC को सूचित कर दिया है. बता दें कि एचएसएससी द्वारा साल 2018 में मेल कांस्टेबल के पांच हजार पदों पर भर्ती की गई थी.  इसी तरह 1147 फीमेल कांस्टेबल, पुलिस उप निरीक्षकों के 400 पदों और महिला उप-निरीक्षकों के 63 पदों का चयन किया गया था. भर्ती में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत पांच अतिरिक्त अंक दिए थे. इसके बाद अब हाईकोर्ट में ये मामला चला गया.

5 अंकों से जुड़ा है पूरा मामला 

इस भर्ती में विधवा व अनाथ अभ्यर्थियों को 5 अतिरिक्त अंक दिए जाने का प्रावधान था. अभ्यर्थियों को बताया गया था कि अगर माता- पिता जीवित नहीं है तो ही इन पांच अंकों का लाभ उठा सकेंगे. जबकि इसके विपरित कुछ अभ्यर्थियों ने पिता विहीन होने का सर्टिफिकेट लगा दिया. उस समय चयन समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर कोताही बरतने का प्रमाण देते हुए ऐसे अभ्यर्थियों को पिता विहीन होने के पांच नंबर जारी कर दिए. 

नए सिरे से जारी होगा रिजल्ट

HSSC अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि स्क्रूटनी के लिए 45 टीमें लगाई गई थी. 353 अभ्यर्थी ऐसे थे जिनके नंबर बनते थे, लेकिन नंबर नहीं दिए गए जबकि दूसरी तरफ 165 अभ्यर्थियों को नंबर दे दिए गए. इस धांधली के बाद 1054 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर दी. अब दोबारा स्क्रूटनी कर परीक्षा परिणाम नए सिरे से जारी होगा. अब फिर से जांच की जाएगी और फिर उसके बाद नंबर दिए जाएंगे.

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