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Delhi-Gurugram Expressway: दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही देना होगा टोल, लाखों लोगों की जेब काटने की योजना तैयार, जाने पूरी खबर

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने दिल्ली और गुरुग्राम में रहने वाले लाखों लोगों की जेब काटने की योजना तैयार की है। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही टोल देना होगा। दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा।
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दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही देना होगा टोल, लाखों लोगों की जेब काटने की योजना तैयार, जाने पूरी खबर

Delhi-Gurugram Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने दिल्ली और गुरुग्राम में रहने वाले लाखों लोगों की जेब काटने की योजना तैयार की है। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही टोल देना होगा। दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे पर व्यावसायिक वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन से टोल नहीं वसूला जाता है।

खेड़की दौला टोल प्लाजा पार करने के बाद ही टोल वसूला जाता है। एनएचएआई के मैनेजर ध्रुव गुप्ता का कहना है कि सभी एंट्री और एग्जिट पर कैमरे लगाने के बाद एक्सप्रेस-वे पर तय दूरी के हिसाब से लोगों को टोल चुकाना होगा।

सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर कैमरे लगाए जाएंगे
सभी कैमरे एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) आधारित होंगे। सामने आते ही गाड़ी की नंबर प्लेट पढ़ लेगा। सालों से लोग दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर खेरकी दौला टोल प्लाजा को हटाने की मांग कर रहे हैं। एनएचएआई ने इसे हटाने की बजाय अब एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही टोल वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसकी भनक लगते ही लोगों में एनएचएआई के प्रति रोष बढ़ने लगा है।

सेक्टर-40 में रहने वाले नरेश वर्मा का कहना है कि NHAI ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे को वसूली का जरिया माना है। एक्सप्रेस वे पर चढ़ते ही टोल वसूलने की योजना तैयार की गई है। यह अन्याय है। सेक्टर-10 में रहने वाले जयवीर सिंह का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही टोल वसूली के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देना चाहिए। घर से निकलते ही लोगों को टोल चुकाना होगा। गुरुग्राम के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उठाना चाहिए।

 NHAI की 500 करोड़ रुपये पर नजर
एनएचएआई को खेड़कीडोला टोल प्लाजा से सालाना करीब 200 करोड़ रुपये मिलते हैं। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही टोल वसूलने से सालाना करीब 500 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा से रोजाना औसतन 80 से 85 हजार वाहन ही गुजरते हैं, जबकि सिरहौल बॉर्डर से औसतन साढ़े तीन लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं।

ऐसे में जैसे ही सभी एंट्री और एग्जिट पर कैमरे लग जाएंगे, टोल कलेक्शन का आंकड़ा एक झटके में दोगुना से ज्यादा बढ़ जाएगा। बता दें कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के मेंटेनेंस के लिए इंका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को चुना गया है। कंपनी को सभी एंट्री और एग्जिट पर मार्शल तैनात करने का निर्देश दिया गया है।
 

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