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भारत में महिलाएं किस उम्र में बनाती हैं पहला यौन संबंध? शोध में हुआ ये खुलासा, पढें पूरी खबर

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इंडियन नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के ताजा आंकड़े ये बताते हैं कि भारत में लोग कच्ची उम्र में यौन संबंध बना रहे हैं।39 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय महिलाओं ने 18 साल की उम्र से पहले यौन संबंध बनाए हैं।

एक दशक पहले भारत ने बाल यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए एक सख्त नया कानून पेश किया था। अब सहमति से यौन संबंध बनाने वाले किशोरों के बीच इसे अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग जोर पकड़ रही है। ये सभी विचार इसलिए सामने आ रहे हैं क्योंकि यहां एक मामला सामने आया है जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 

दरअसल, दिल्ली के एक जिले में एक 16 साल की लड़की का कथित तौर पर रेप हुआ था, लेकिन उस लड़की ने पुलिस को बताया कि उसका रेप नहीं किया गया। उसने कहा 'मैं अपनी मर्जी से उसके पास गई थी.'

लड़की के माता-पिता ने पड़ोस के एक किशोर लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। माता-पिता के कहने पर लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया था, माता- पिता लड़के पर बलात्कार का मुकदमा चलाए जाने की मांग कर रहे थे। लड़की के बयान के बाद लड़के को रिहा कर दिया गया। 

25-49 आयु वर्ग में 10 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने 15 साल की उम्र से पहले सेक्सुअल रिलेशन बनाए। हालांकि यहां पर इसका संबंध सहमति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। हालांकि कई दक्षिण एशियाई देशों सहित दुनिया के बाकी हिस्सों में सहमति की उम्र 16 ही है। 

भारतीय महिलाओं में क्या है स्थिती

सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय महिलाओं ने पहली बार 18 साल की उम्र से पहले यौन संबंध बनाया था। 58 प्रतिशत महिलाओं ने 20 साल की उम्र में पहली बार यौन संबध बनाया था।

इसके विपरीत पुरुषों ने औसतन 24 वर्ष की आयु में पहली बार यौन संबंध बनाया था, जो महिलाओं के मुकाबले में पांच साल देरी  है। एक प्रतिशत पुरुषों ने 15 साल की उम्र से पहली बार यौन संबंध बनाया था और 7% ने 18 साल की उम्र से पहले संबंध बनाया था। भारत में महिलाओं की शादी पुरुषों के मुकाबले बहुत पहले हो जाती है, जिस उम्र में वे यौन संबंध बनाती हैं, वह काफी कम होती है।

बता दें कि 2019 में एक किशोर की सजा को पलटते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वी पार्थिबन ने कहा कि नाबालिग का संबध वयस्क के साथ था। मामले को देखते हुए सुप्रीम ने कहा " ये संबंध अप्राकृतिक नहीं बल्कि प्राकृतिक आकर्षण का परिणाम" था और सहमति की उम्र के संशोधन की सिफारिश की। साल 2022 में भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने भी इस मुद्दे पर विचार किया। संसद से सहमति की उम्र पर पुनर्विचार करने की भी बात कही है।

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