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US-चीन में तनाव:नैंसी पेलोसी राष्ट्रपति वेन से मिलीं, कहा- हमें ताइवान की दोस्ती पर गर्व, हर स्तर पर साथ देंगे

 सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका ताइवान का साथ देगा-पेलोसी 
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CHINA-US-TAIWAN

अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को ताइवान की संसद पहुंचीं। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की। संसद में पेलोसी को ताइवान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन' से सम्मानित किया गया।

पेलोसी ने कहा- सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका ताइवान का साथ देगा। हम हर पल उनके साथ है। हमें ताइवान की दोस्ती पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 43 साल पहले ताइवान के साथ खड़े रहने का जो वादा किया था, वो उस पर आज भी अडिग है।

ताइवान की संसद में पेलोसी (बाएं) को ऑर्डर ऑफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन से सम्मानित किया गया।

ताइवान की संसद में पेलोसी (बाएं) को ऑर्डर ऑफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन से सम्मानित किया गया।

नैंसी पेलोसी ने ताइवान संसद के डिप्टी स्पीकर साई ची-चांग से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने थियानमेन स्क्वायर नरसंहार का जिक्र करते हुए मानवाधिकारों के लिए अमेरिकी समर्थन का भरोसा दिलाया।

नैंसी पेलोसी ने ताइवान संसद के डिप्टी स्पीकर साई ची-चांग से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने थियानमेन स्क्वायर नरसंहार का जिक्र करते हुए मानवाधिकारों के लिए अमेरिकी समर्थन का भरोसा दिलाया।

चीन ने ताइवान पर लगाए आर्थिक प्रतिबंध
इधर, पेलोसी की विजिट से बौखलाए चीन ने ताइवान के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी करना शुरू कर दिया है। चीनी सरकार ने ताइवान को नेचुरल सैंड के देने पर रोक लगा दी है। इससे ताइवान को काफी नुकसान हो सकता है। कोरोना महामारी के बाद से कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ताइवान के लिए इनकम का सोर्स बन गया है। ऐसे में रेत का निर्यात रोकने से ताइवान को आर्थिक नुकसान होगा। 1 जुलाई को भी चीन ने ताइवान के 100 से ज्यादा फूड सप्लायर से आयात (इम्पोर्ट) पर प्रतिबंध लगाया था।

चाइना मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने एक बयान में कहा- हम ताइवान को दी जाने वाली नेचुरल सैंड का एक्सपोर्ट रोक रहे हैं।

चाइना मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने एक बयान में कहा- हम ताइवान को दी जाने वाली नेचुरल सैंड का एक्सपोर्ट रोक रहे हैं।

पेलोसी की विजिट से नाखुश चीन क्या कर सकता है?

  • चीन अब ताइवान पर और ज्यादा दबाव बनाने की कोशिश करेगा। इसके लिए चीन के फाइटर जेट्स ताइवान के हवाई सीमा क्षेत्र में पहले से ज्यादा घुसपैठ करेंगे।
  • चीन ताइवान को उकसा सकता है। फाइटर जेट्स को ताइवान के हवाई सीमा क्षेत्र में भेज कर चीन ताइवान को हमला करने के लिए उकसाने की कोशिश करेगा।
  • चीन की सरकार US का डिप्लोमैटिक विरोध कर सकती है। वह अमेरिका से अपने राजदूत किन गैंग को वापस बुला सकती है।

अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन ने मिलिट्री एक्शन एक्शन लेने की धमकी दी। इसे देखते हुए US के 24 फाइटर जेट्स ने पेलोसी के प्लेन को सिक्योरिटी कवर दिया था।

ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास करेगा चीन

ये नक्शा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने जारी किया। PLA गुरुवार से रविवार तक ताइवान के आसपास के 6 क्षेत्रों में मिलिट्री एक्सरसाइज करने की बात कही है।

ये नक्शा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने जारी किया। PLA गुरुवार से रविवार तक ताइवान के आसपास के 6 क्षेत्रों में मिलिट्री एक्सरसाइज करने की बात कही है।

चीन के खिलाफ ताइवान और अमेरिका तैयार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमकियों के बाद अमेरिका और ताइवान की सेनाएं चीन से निपटने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी नेवी के 4 वॉरशिप हाईअलर्ट पर हैं और ताइवान की समुद्री सीमा में गश्त कर रहे हैं। इन पर एफ-16 और एफ-35 जैसे हाईली एडवांस्ड फाइटर जेट्स और मिसाइलें मौजूद हैं। रीपर ड्रोन और लेजर गाइडेड मिसाइलें भी तैयार हैं। अगर चीन की तरफ से कोई हिमाकत की गई तो अमेरिका और ताइवान उस पर दोनों तरफ से हमला कर सकते हैं।

संसद में पेलोसी के साथ मुलाकात के बाद राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा कि उनका देश सैन्‍य खतरों के आगे नहीं झुकेगा।

संसद में पेलोसी के साथ मुलाकात के बाद राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा कि उनका देश सैन्‍य खतरों के आगे नहीं झुकेगा।

कहा जा रहा है कि चीन ने कार्रवाई के लिए लॉन्ग रेंज हुडोंग रॉकेट और टैंक तैयार रखे हैं। उसके पास ताइवान स्ट्रेट में दूसरे मिलिट्री इंस्टॉलेशन्स भी हैं। इनका इस्तेमाल वो कर सकता है। अमेरिकी फौज की इन हरकतों पर पैनी नजर है। USS रोनाल्ड रीगन वॉरशिप और असॉल्ट शिप हाईअलर्ट पर हैं।

ताइवान की डेमोक्रेसी के समर्थन में US
2 अगस्त को ताइवान पहुंचने पर पेलोसी ने कहा था- अमेरिका ताइवान की डेमोक्रेसी का समर्थन जारी रखेगा। ताइवान के 2.30 करोड़ नागरिकों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं अधिक अहम है, क्योंकि दुनिया ऑटोक्रेसी (निरंकुशता) और डेमोक्रेसी के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है। वहीं, चीनी ने इस दौरे की निंदा करते हुए कहा है कि US आग से खेलना बंद करे। 

 

ताइवान पर तनातनी क्यों?
चीन वन-चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश की तरह देखता है। चीन का लक्ष्‍य ताइवान को उनकी राजनीतिक मांग के आगे झुकने और चीन के कब्‍जे को मानने के लिए ताइवान को मज‍बूर करने का रहा है।

इधर, अमेरिका भी वन चाइना पॉलिसी को मानता है, लेकिन ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं देख सकता। बाइडेन ने 2 महीने पहले कहा था- हम वन चाइना पॉलिसी पर राजी हुए, हमने उस पर साइन किया, लेकिन यह सोचना गलत है कि ताइवान को बल के प्रयोग से छीना जा सकता है। चीन का ये कदम न केवल गलत होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को एक तरह की नई जंग में झोंक देगा

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