राज्यों को मिला GST बकाया, महाराष्ट्र का हिस्सा सबसे ज्यादा, दिल्ली के हाथ आए इतने करोड़
केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी का 17,000 करोड़ रुपये का बकाया जारी कर दिया है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की है, तो वहीं कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के हाथ भी बड़ी राशि आई है.
अक्सर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच रस्साकशी का मुद्दा रहने वाला जीएसटी बकाया, आखिरकार केन्द्र सरकार ने जारी कर दिया है. केन्द्र सरकार की ओर से कुल 17,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है और इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की रही है. वहीं कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य रहे हैं जिन्हें 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल हुए हैं.
वित्त मंत्रालय ने जारी किए 17,000 करोड़
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि केन्द्र सरकार ने 24 नवंबर को राज्यों को जीएसटी बकाया का 17,000 करोड़ रुपये जारी कर दिया है.जीएसटी का ये मुआवजा अप्रैल से जून 2022 की अवधि के लिए है. वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों को अब तक 1.15 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया दिया जा चुका है.
खुद की जेब से चुका रही केन्द्र सरकार
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जीएसटी सेस के रूप में अक्टूबर 2022 तक केवल 72, 147 करोड़ रुपये का ही टैक्स कलेक्शन हुआ है. पर केन्द्र सरकार की ओर से 43,515 करोड़ रुपये खुद के संसाधनों से जुटाकर दिए गए हैं.
इस राशि को जारी करने के साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी मुआवजे का उतना हिस्सा दे दिया है, जितना मार्च 2023 तक कलेक्ट होने का अनुमान है.
महाराष्ट्र का हिस्सा सबसे ज्यादा, दिल्ली की बल्ले-बल्ले
केन्द्र सरकार ने जीएसटी का जो बकाया जारी किया है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की रही है. महाराष्ट्र के खाते में 2081 करोड़ रुपये पहुंचे हैं. वहीं 1915 करोड़ रुपये के हिस्से के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर रहा है.
दिल्ली को इस खेप में 1200 करोड़ रुपये मिले हैं. जबकि उत्तर प्रदेश को 1202 करोड़ रुपये और तमिलनाडु को 1188 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. इसके अलावा पंजाब के खाते में 984 करोड़, पश्चिम बंगाल को 814 करोड़, राजस्थान को 806 करोड़ और गुजरात को 856 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. यहां देखे सारे राज्यों की लिस्ट…
Name of the State/UT | (Rs. in crore) |
Andhra Pradesh | 682 |
Assam | 192 |
Bihar | 91 |
Chhattisgarh | 500 |
Delhi | 1,200 |
Goa | 119 |
Gujarat | 856 |
Haryana | 622 |
Himachal Pradesh | 226 |
Jammu and Kashmir | 208 |
Jharkhand | 338 |
Karnataka | 1,915 |
Kerala | 773 |
Madhya Pradesh | 722 |
Maharashtra | 2,081 |
Odisha | 524 |
Puducherry | 73 |
Punjab | 984 |
Rajasthan | 806 |
Tamil Nadu | 1,188 |
Telangana | 542 |
Uttar Pradesh | 1,202 |
Uttarakhand | 342 |
West Bengal | 814 |
Total | 17,000 |
जब जीएसटी व्यवस्था को लाया गया था, तो राज्यों के राजस्व में संभावित नुकसान को देखते हुए मुआवजे का प्रबंध किया गया था. ये राशि 28 प्रतिशत की दर वाले जीएसटी वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत के उपकर (Cess) के माध्यम से जुटाई जाती है.