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SC में 16 शिवसेना विधायकों की बर्खास्तगी की सुनवाई शुरू:शिंदे गुट दाखिल करेगा हलफनामा; बड़ी बेंच में ट्रांसफर हो सकता है केस

दोनों पक्षों के वकीलों में जोरदार बहस हुई। शिंदे गुट के वकील ने कहा कि हमने पार्टी नहीं छोड़ी है। हमने नेता के खिलाफ आवाज उठाई
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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई से पहले उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया

महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हो रही है। सबसे पहले शिवसेना के 16 विधायकों की बर्खास्तगी के मामले को सुना जा रहा है। बुधवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दाखिल 5 याचिकाओं पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई थी।

CJI रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने शिंदे गुट के वकील को कोर्ट का फैसला आने से पहले सरकार बना लेने पर फटकार लगाई थी। बेंच ने कहा था कि वे अपने पॉइंट्स क्लीयर करके दोबारा ड्राफ्ट जमा करें, तब इस पर 10 से 15 मिनट विचार किया जाएगा।

असली शिवसेना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तीन-जजों की बेंच ने 20 जुलाई को कहा था कि शिवसेना के संबंध में दायर याचिकाओं को बड़ी बेंच के पास भेजा जा सकता है।

एक घंटे तक चली थी जोरदार बहस
बुधवार को दोनों पक्षों के वकीलों में जोरदार बहस हुई। शिंदे गुट के वकील ने कहा कि हमने पार्टी नहीं छोड़ी है। हमने नेता के खिलाफ आवाज उठाई है। हम अभी भी पार्टी में हैं।वहीं उद्धव कैंप के वकील कपिल सिब्बल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा था- बागी विधायक या तो किसी पार्टी में विलय करें या नई पार्टी बनाएं।

हालांकि शिंदे को सरकार बनाने पर CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने फटकार भी लगाई। उन्होंने शिंदे पक्ष के वकील से कहा- हमने 10 दिन के लिए सुनवाई टाली थी। आपने सरकार बना ली, स्पीकर बदल दिया। 

उद्धव गुट का हलफनामा- शिंदे और बागी विधायक अशुद्ध हाथ लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई से पहले उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। हलफनामे में कहा- महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार जहरीले पेड़ का फल है। इस जहरीले पेड़ के बीज बागी विधायकों ने बोए थे। शिंदे गुट के विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है। शिंदे और बागी विधायक अशुद्ध हाथ लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

महाराष्ट्र सियासी संकट का पूरा घटनाक्रम जानिए

  • 20 जून को शिवसेना के 15 विधायक 10 निर्दलीय विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी के लिए निकल गए।
  • 23 जून को शिंदे ने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेटर जारी किया गया।
  • 25 जून को डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा। बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
  • 26 जून को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, केंद्र, महाराष्ट्र पुलिस और डिप्टी स्पीकर को नोटिस भेजा। बागी विधायकों को राहत कोर्ट से राहत मिली।
  • 28 जून को राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा। देवेंद्र फडणवीस ने मांग की थी।
  • 29 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
  • 30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनाए गए।
  • 3 जुलाई को विधानसभा के नए स्पीकर ने शिंदे गुट को सदन में मान्यता दे दी। अगले दिन शिंदे ने विश्वास मत हासिल कर लिया।
  • 3 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा- हमने 10 दिन के लिए सुनवाई क्या टाली आपने (शिंदे) सरकार बना ली।

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