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Russia Ukraine War: सीमा पार थे पुतिन के सैनिक, ब्रिटिश फौजी खा रहा था पिज्जा; जाने फिर क्या हुआ

Russia Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन युद्ध कब खत्म होगा कोई नहीं जानता. लेकिन वॉर जोन पर बने हालातों के इतर दोनों तरफ एक कॉमन घटनाक्रम ये देखने को मिल रहा है कि दोनों ओर से जंग की आग को बुझाने के बजाए, भड़काने के लिए घी डाला जा रहा है. 
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सीमा पार थे पुतिन के सैनिक, ब्रिटिश फौजी खा रहा था पिज्जा; जाने फिर क्या हुआ

British Army Captain on NATO frontline: रूस (Russia) से लड़ने के लिए यूक्रेन (Ukraine) को जो ताकत पश्चिमी देशों से मिल रही है उसकी दम पर वो घुटने टेकने को तैयार नहीं है. दरअसल रूस सीमा के नजदीक तैनात नाटो देशों के सैन्य जमावड़े से न सिर्फ यूक्रेन को मानसिक संबल मिलता है बल्कि उसके राशन-पानी और हथियारों का इंतजाम भी वहीं से होता है. मॉस्को प्रशासन को इसी बात से चिढ़ है, यही वजह है कि पुतिन समय-समय पर अपने देश के अंदरूनी मामलों में कोई दखल न दे ये कहते हुए परमाणु धमकी देने से भी नहीं चूकते हैं.

ब्रिटिश फौजी पर लगा जुर्माना

ब्रिटिश न्यूज़ वेबसाइट 'एक्सप्रेस डॉट यूके' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बात कुछ पुरानी है जब रूस सीमा के नजदीक लगे एक नाटो कैंप के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल रूपर्ट स्ट्रीटफील्ड ने देर रात सैनिकों की हरकतों से नाराज होने के बाद रात 9 बजे से सख्त कर्फ्यू लागू किया था. इस टुकड़ी पर बड़ी जिम्मेदारी थी. लेकिन एक दिन इसी विशेष कैंप में तैनात एक ब्रिटिश कैप्टन जेम्स शियरर को पिज्जा खाने की ऐसी तलब उठी कि वो कर्फ्यू को तोड़ते हुए करीब आधे घंटे की देरी से अपनी पोस्ट पर पहुंचे. मामले की जानकारी आला अफसरों को लगते ही आरोपी कैप्टेन को कड़ी फटकार लगाई गई.

कोर्ट में हुई पेशी

इसके बाद सेना के नियमों के तहत उन्हें आर्मी कोर्ट में पेश किया गया. जहां आरोपी कैप्टन जेम्स शियरर ने अदालत को बताया कि उन्हें कर्फ्यू का समय नहीं पता था. जो मई में रात 10:30 बजे से रात 9 बजे में बदल गया था. क्योंकि उनकी ड्यूटी कई दिनों से एक बख्तरबंद वाहन पर थी. जिसके बाद कोर्ट ने कुछ नरमी दिखाते हुए 31 साल के इस खुफिया अधिकारी पर नियम तोड़ने के आरोप में 3 दिनों  के वेतन की कटौती का जुर्माना लगाया गया.

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