Jobs Haryana

किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है लाल मूली की खेती, बाजार में मिलती है 100 रुपये किलो तक की कीमत, जानें कैसे होगा यह काम आसान

आजकल नई-नई तकनीक से खेती हो रही है। इन तकनीकों की मदद किसान बढ़िया मुनाफा भी कमा रहे हैं। ऐसी ही एक तकनीक अपनाकर जोधपुर के एक किसान खूब मालामाल हो रहा है।

 | 
किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है लाल मूली की खेती, बाजार में मिलती है 100 रुपये किलो तक की कीमत, जानें कैसे होगा यह काम आसान

आजकल नई-नई तकनीक से खेती हो रही है। इन तकनीकों की मदद किसान बढ़िया मुनाफा भी कमा रहे हैं। ऐसी ही एक तकनीक अपनाकर जोधपुर के एक किसान खूब मालामाल हो रहा है।

मथानिया के 8वीं पास किसान मदनलाल लाल मूली की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी अच्छी कमाई भी हो रही है। ज्यादातर लोगों ने सफेद मूली की खेती होते हुए देखा है। ऐसे में लाल मूली की खेती कई लोगों को हैरान भी कर सकती है।

इस बारे में मदनलाल बताते हैं कि उनको कृषि विज्ञान से जुड़ी जानकारियों से जुड़े रहना काफी पसंद है। वे कृषि विश्वविद्यालय की गतिविधियों में हमेशा शामिल होते हैं। साथ ही कृषि वैज्ञानिकों से भी मिलते रहते हैं। इसके अलावा केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रों के संपर्क में रहते हैं। वहीं से उन्हें लाल मूली की खेती करने का आइडिया आया।

शोधार्थियों की मदद ली

लाल मूली की खेती के लिए उन्होंने खूब किताबें पढ़ी और कृषि शोद्यार्थियों से मिले। इसके बाद दो कलम मिलाकर एक पौध बनाई। जीर्ण पद्धति से उसका बीज तैयार किया। लगातार सर्दी के दिनों में चार साल तक बुवाई की। हर साल इसमें सुधार किया। इस बार उनके खेत के एक हिस्से में लाल मूली का सही उत्पादन हुआ। मदनलाल कहते हैं कि वे अभी इस पर और काम करेंगे। इसके स्वाद में कोई में कमी नहीं है।

इस मूली में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसका बीज भी तैयार कर रहे हैं, जिससे इसका उत्पादन बढाया जा सके। सामान्य मूली जहां बाजार में 10 से 20 रुपये किलो मिलती है वहीं, लाल मूली सौ रुपये प्रति किलो बिक रही है। मदनलाल का कहना है कि अभी वे बाजार में आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है। कुछ बड़े होटल व रेस्टोरेंट उनसे यह मूली ले रहे हैं। इसके अलावा शादी समारोह में उपलब्ध करवा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने किया है सम्मानित

मदनलाल कहते हैं कि अगले वर्ष इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने पर इसे बाजार में देंगे। वे कृषि में नवाचार करते रहते हैं। लाल मूली से पहले वे लाल गाजर कि उन्नत किस्म दुर्गा को विकसित कर चुके हैं।

इसका बीज वे पूरे देश में आपूर्ति करते हैं। इसके अलावा गेहूं में भी नवाचार किया है। इस काम के लिए 2017 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और 2018 में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

Latest News

Featured

You May Like