राष्ट्रीय कृषि बाजार पर पीछे नहीं हटेगी हरियाणा सरकार, फसल खरीद पर आढ़तियों को दी बड़ी चेतावनी
Crop Purchase in Haryana हरियाणा में फसल खरीद को लेकर राज्य सरकार सख्त है और सरकार ने साफ कर दिया है कि वह आढ़तियों के आंदोलन से झुकेगी। हरियाणा सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी।
Paddy Purchase: हरियाणा सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी। राज्य सरकार ने फसल खरीद को लेकर आंदोलनकारी आढ़तियों को चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि आढ़ती नहीं माने तो वह फसल खरीद के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी और 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करेगी।
आढ़ती नहीं माने तो फसल खरीद के लिए वैकल्पिक व्यवस्था
राष्ट्रीय कृषि बाजार के विरोध में 19 सितंबर से हड़ताल पर चल रहे आढ़तियों को प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि दबाव में आकर उनकी नाजायज मांगें पूरी नहीं होंगी। एक अक्टूबर से धान सहित अन्य खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो जाएगी। अगर आढ़ती नहीं मानते हैं तो फसलें खरीदने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। वहीं, आढ़तियों ने शुक्रवार से आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है। पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से मामले को बातचीत के जरिये सुलझाने का अनुरोध किया है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले, आढ़तियों के दबाव में आकर नाजायज मांगों को पूरा नहीं करेंगे
राज्य के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसानों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। आढ़तियों की नाजायज मांगों से हमारी कोई सहमति नहीं है। ई-नाम से किसानों को फसल का ज्यादा भाव मिलेगा जिससे उन्हें फायदा होगा। आढ़ती का काम आढ़त लेना है।
कृषि मंत्री बोले- जब भी अनाज खरीद शुरू होने का समय आता है, आढ़ती हड़ताल कर देते हैं
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भी अनाज मंडियों में फसल खरीद का समय आता है, आढ़ती हड़ताल कर देते हैं। किसानों के नाम पर राजनीति चमका रहे गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी आढ़ती हैं जो किसानों को बरगला रहे हैं। वहीं, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने चेतावनी दी है कि सरकार ने आढ़तियों की मांगें नहीं मानी तो प्रदेश का व्यापारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन और तेज करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अनाज की खरीद ई-ट्रेडिंग की बजाय खुली बोली से करनी चाहिए।
क्या है ई-नाम
एक देश-एक बाजार के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2016 में महत्वाकांक्षी पोर्टल इलेक्ट्रानिक-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) शुरू किया था। इस पोर्टल पर 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक हजार से अधिक अनाज मंडियों को एकीकृत किया गया है। पोर्टल पर पूरे देश से करीब पौने दो करोड़ किसानाें, सवा दो लाख व्यापारियों और दो हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने पंजीकरण कराया हुआ है। पोर्टल पर किसानों को आनलाइन भुगतान की सुविधा है।