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Go Digit Insurance IPO: गो डिजिट के आईपीओ पर बीमा रेग्युलेटर IRDAI की मुहर, सेबी से मंजूरी का है इंतजार

Go Digit Insurance IPO: अगस्त महीने में गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास डॉफ्ट पेपर दाखिल किया था.

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Go Digit Insurance IPO: गो डिजिट के आईपीओ पर बीमा रेग्युलेटर IRDAI की मुहर, सेबी से मंजूरी का है इंतजार

Go Digit General Insurance IPO: बीमा क्षेत्र की रेग्युलेटर इंश्योरेंस रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने फेयरफैक्स समर्थित गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के आईपीओ को मंजूरी दे दी है. गो डिजिट 1250 करोड़ रुपये का आईपीओ जारी करने वाली है. अगस्त महीने में गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास डॉफ्ट पेपर दाखिल किया था. अक्टूबर महीने में सेबी ने आईपीओ को हैंडल कर रहे इवेस्टमेंट बैंकर्स को कुछ स्पष्टीकरण मांगा और सेबी को उनके के जवाब का इंतजार है. 

Go Digit Insurance शेयर बाजार में लिस्टिंग की तैयारी में है. कंपनी 1250 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाएगी. कंपनी आईपीओ के जरिए जुटाये जाने वाले रकम से कैपिटल बेस को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगी. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली Go Digit Insurance के ब्रांड अम्बैसडर  निवेशक होने के साथ कंपनी के निवेशक भी है. उऩकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा भी कंपनी में निवेशक हैं. आपको बता दें कामेश गोयल  Digit Insurance के फाउंडर हैं जिन्होंने 2017 में कंपनी की स्थापना की थी को कि खुद जर्मनी की बीमा कंपनी का Allianz के भारत में ज्वाइंट वेंचर का नेतृत्व किया करते थे. Digit Insurance में कनाडा के अरबपति प्रेम वातसा की Fairfax Group भी निवेशित है. 

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Go Digit ने आईपीओ लाने के लिए मार्गन स्टैनले (Morgan Stanley) और आईसीआईसीआई सिक्योरिटिज (ICICI Securities) को आईपीओ का बुकरनर नियुक्त किया है. Digit का वैल्युएशन 4 अरब डॉलर आंका गया था जब उसने प्राइवेट इक्विटी इवेस्टर्स ने 400 मिलियन डॉलर पैसे जुटाये थे. Digit गैर-लाइफ बीमा क्षेत्र में मौजूद है और उसने अब तक 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी सेवाएं दी है. कंपनी कार बाइक, हेल्थ, ट्रैवल इश्योरेंस करती है. भारत में नॉन-लाइफ बीमा सेक्टर का अभी काफी विस्तार होना बाकी है. 


वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को 295.86 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जो कि उसके पहले वर्ष में 122.76 करोड़ रुपये था. एसेट अंडर मैनेजमेंट 2021-22 में 68 फीसदी बढ़कर 9393.88 करोड़ रुपये रहा है. जो एक साल पहले 5590.10 करोड़ रुपये था. 

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