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पंजाब में किसानों का धरना खत्म, CM मान के बयान पर कृषि मंत्री धालीवाल ने मांगी माफी; डल्लेवाल को पिलाया जूस

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया है। तीन दौर की बैठकों के बाद रात 11 बजे किसानों ने धरना समाप्त करने का ऐलान किया। बता दें कि नौ दिनों से अलग-अलग शहरों में धरना चल रहा था। 
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पंजाब में किसानों का धरना खत्म, CM मान के बयान पर कृषि मंत्री धालीवाल ने मांगी माफी; डल्लेवाल को पिलाया जूस

फरीदकोट: पंजाब में किसानों ने अपना धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया है। दरअसल देर रात कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल किसानों के धरने में पहुंचे और 31 मार्च तक उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिलाया। मंत्री से भरोसा मिलने के बाद किसानों ने भी जिद छोड़ दी है। 

सीएम के बयान पर माफी मांग कृषि मंत्री ने किसानों को मनाया

इससे पहले कृषि अधिकारियों और दो बार मंत्री धालीवाल ने किसान नेताओं से बातचीत की। किसान इस बात पर अड़े थे कि मुख्यमंत्री अपने बयान पर माफी मांगें। बता दें कि, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ दिन पहले कहा था कि किसान संगठन फडिंग के लिए धरने देते हैं। यह अब रिवाज बन गया है। इससे किसान काफी नाराज थे। वहीं कृषि मंत्री ने मान के बयान के लिए माफी मांग कर उन्हें मना लिया। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धुपुर के प्रांतीय नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जूस पिलाया। डल्लेवाल 6 दिनों से मरणव्रत पर बैठे थे।

शुक्रवार को अन्य शहरों में चल रहे धरने भी हो जाएंगे खत्म

शुक्रवार को अन्य शहरों में चल रहे धरने भी खत्म हो जाएंगे। किसान यूनियनों ने 16 नवंबर को राज्य के छह शहरों फरीदकोट, अमृतसर, मुकेरियां, पटियाला, मानसा व तलबंडी साबों में अनिश्चतकालीन धरना शुरू किया था। वीरवार दोपहर अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जसकरण सिंह, फरीदकोट की डीसी डा. रूही दुग्ग, एसएसपी राजपाल सिंह संधू, विधायक गुरदित्त सिंह सेखों ने किसान नेताओं से लंबी बैठक की, परंतु बात नहीं बनी।

31 मार्च तक सभी मांगों का हल करने का मिला भरोसा

इसके बाद शाम को दूसरी बैठक शुरू हुई। इसमें उक्त अधिकारियों के साथ कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी शामिल हुए। लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद कृषि मंत्री धालीवाल खुद धरनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने किसान नेता डल्लेवाल से बात की। देर रात तक किसानों नेताओं के साथ बैठक हुई। रात 11 बजे धरना खत्म करने पर सहमति बनी। किसान नेताओं ने कहा कि जो मांगें रखी गईं थी, उन्हें सरकार ने मान लिया है। 31 मार्च तक किसानों की सभी मांगों का हल करने का भरोसा दिया गया है।

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