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सोहना-नूंह के बीच सुरंग में चलेगी डबल डेकर मालगाड़ी, नवंबर में शुरू होने की उम्मीद

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सोहना-नूंह के बीच सुरंग में चलेगी डबल डेकर मालगाड़ी, नवंबर में शुरू होने की उम्मीद

सोहना | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सोहना क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित होने जा रहा है जो अपनी विशेषता के चलते चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यहां अरावली क्षेत्र में मालवाहक ट्रेनों के लिए एक अनोखी सुरंग बनाई गई है . इसमें एक साथ दो डबल ट्रेनें चल सकेगी. नवम्बर माह में इसका ट्रायल होगा और उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रायल के बाद इस पर मालवाहक ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा. 

मालवाहक ट्रेनों के लिए अलग ट्रैक 

यह सुरंग वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) का हिस्सा है, जो उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल तक बनाया जा रहा है. बता दें कि अब तक मालवाहक ट्रेनों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए यात्री गाड़ियों के ट्रैक पर ही सफर करना पड़ रहा है लेकिन अब इनके लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाई गई है. इस रेलवे लाइन के जरिए देश की सभी प्रमुख बंदरगाहों को आपस में कनेक्ट किया गया है. वेस्टर्न और ईस्टर्न दो अलग-अलग कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. 

ईस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल में हावड़ा के नजदीक दानाकुनी से पंजाब (लुधियाना) के साहनेवाल तक बनाया जा रहा है. नोएडा के नजदीक दादरी में दोनों कॉरिडोर का जंक्शन होगा. इन दोनों का डिजाइन तैयार करते समय इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि इन्हें देश के बड़े औद्योगिक शहरों के पास से निकाला जाए ताकि इन औद्योगिक शहरों में बनने वाले उत्पादों को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाया जा सके. 

KMP और KGP की तर्ज पर बन रहा कॉरिडोर 

दोनों कॉरिडोर देश की बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना, कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) की तर्ज पर बनाए जा रहे हैं. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से लेकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी तक विकसित किया जा रहा है. 

यह पंजाब से होता हुआ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक जाएगा. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) उत्तर प्रदेश से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र पहुंचेगा. दोनों कॉरिडोर के मिलान के लिए दादरी और खुर्जा के बीच बड़े जंक्शन का निर्माण किया जा रहा है. 

यात्री गाड़ियों के ट्रैक से दबाव कम करने व मालवाहक ट्रेनों के निर्धारित समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के उद्देश्य से ये दोनों कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं. वेस्टर्न कॉरिडोर गुरुग्राम के सोहना से नूंह, रेवाड़ी से आगे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कई शहरों के नजदीक से होकर गुजरेगा. लगभग 1504 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में 128 किलोमीटर हिस्सा दादरी (यूपी) से रेवाड़ी (हरियाणा) का है. 

इसी प्रोजेक्ट में सोहना के अरावली क्षेत्र में एक किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है जिसकी चौड़ाई 15 मीटर और लंबाई 12 मीटर होगी. सुरंग से न केवल डबल डेकर ट्रेनें गुजर सकेंगी बल्कि एक साथ दो ट्रेनें निकलेंगी. सुरंग में ओवरहेड इलेक्ट्रिक उपकरण लगाए गए हैं. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लंबाई 1856 किलोमीटर होगी. इन कॉरिडोर में डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी मालवाहक ट्रेनें चलेंगी.

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