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Bribe Case: हरियाणा में एक और रिश्वतखोर पटवारी गिरफ्तार, किसान से इंतकाल की कॉपी के लिए मांग रहा था रिश्वत

हरियाणा में एक के बाद एक रिश्‍वतकांड का पर्दाफाश हो रहा है। कैथल में पंचकूला की विजिलेंस टीम ने छापा मारा। दो हजार रुपये की रिश्वत लेते पटवारी को गिरफ्तार किया। गांव मानस निवासी जसबीर ने बुधवार को पंचकूला विजिलेंस को शिकायत दी थी। 
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 हरियाणा में एक और रिश्वतखोर पटवारी गिरफ्तार, किसान  से इंतकाल की कॉपी के लिए मांग रहा था रिश्वत

कैथल, जागरण संवाददाता। एक मकान के इंतकाल की कापी देने के नाम पर दो हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पंचकूला विजिलेंस की टीम ने एक पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गांव मानस निवासी जसबीर सिंह ने बुधवार को पंचकूला विजिलेंस कार्यालय में जाकर शिकायत दी थी। आरोप था कि गांव मानस का पटवारी बलवंत सिंह इंतकाल की कापी देने के नाम पर पैसे मांग रहा है।

आरोपित ने पहले इस कार्य के लिए पांच हजार रुपये मांगे थे, लेकिन उसके बाद दो हजार रुपये में सहमति हो गई थी। वीरवार को पंचकूला विजिलेंस के डीएसपी शरीफ सिंह की टीम ने कमेटी चौक स्थित पटवार भवन से आरोपित पटवारी को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने शिकायतकर्ता को 500-500 रुपये के चार नोट पाउडर लगाकर दे दिए थे। जैसे ही आरोपित ने पैसे लेकर जेब में डाले तो विजिलेंस की टीम ने उसके पकड़ लिया। जसबीर ने बताया कि उसने गांव मानस में करीब दो महीने पहले एक घर लिया था। उसकी रजिस्ट्री हो गई थी और उसे इंतकाल की कापी चाहिए थी। कापी देने के नाम पर ही उससे रिश्वत मांगी जा रही थी।

प्रमाण-पत्रों पर हस्ताक्षर के भी लेता था पैसे

शिकायतकर्ता जसबीर ने बताया कि पटवारी बलवंत की पहले भी कई बार शिकायत उसके पास आई थी। उनके गांव के कई युवा उसे बता चुके थे कि पटवारी उनके किसी भी प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर करने के भी 100 से 200 रुपये ले लेता था। स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले कई युवाओं से आरोपित पैसे ले चुका था।

छह महीनों में रिश्वत लेते चौथा पटवारी गिरफ्तार

पिछले छह महीनों में विजिलेंस की अलग-अलग टीमों ने अब तक चार पटवारियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इनमें दो पटवारी कैथल के थे और दो पटवारी गुहला एरिया के थे। ज्यादातर पटवारी इंतकाल की कापी देने के नाम पर ही रिश्वत लेते हैं। बता दें कि छह जून को पट्टी अफगान निवासी विक्रम सिंह की शिकायत पर अंबाला विजिलेंस ने पटवारी हरबंस सिंह और उसके सहायक अनिल को मकान के इंतकाल की कापी देने की एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।

300 रुपये होती है सरकारी फीस

नियम के अनुसार इंतकाल की कापी लेने की सरकारी फीस 300 रुपये होती है। आरोपित पटवारी लोगों से ज्यादा पैसे मांगते हैं। ज्यादा पैसों की कोई रसीद भी नहीं दी जाती। ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो पैसे देने के बाद कहीं शिकायत नहीं करते।

"उनके पास बुधवार को पटवारी बलवंत के विरुद्ध रिश्वत मांगने की शिकायत आई थी। वीरवार को टीम के साथ कैथल पहुंच गए थे। शिकायतकर्ता को 500-500 रुपये के चार नोट देकर भेज दिया था। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत ली उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। पटवारी ने मकान के इंतकाल की कापी देने के नाम पर दो हजार रुपये लिए थे। इस मामले में आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।"

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