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16 Crore Injection: 8 महीने के मासूम को फ्री में लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, लकी ड्रॉ ने किया कमाल

Novartis Free Injection: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 (Spinal Muscular Atrophy Type 1) बीमारी से सुल्तानपुर का बच्चा अनमय पीड़ित है, जिसको 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन फ्री में लगेगा. 

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16 Crore Injection: 8 महीने के मासूम को फ्री में लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, लकी ड्रॉ ने किया कमाल

Spinal Muscular Atrophy Type 1: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर (Sultanpur) के एक नन्हे बच्चे की जिंदगी को बचाने के लिए समाजसेवी संगठन चंदा इकट्ठा कर रहे थे. अचानक दवा कंपनी नोवार्टिस (Novartis) की तरफ से अनमय के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की कीमत वाले इंजेक्शन की व्यवस्था मुफ्त में हो जाने के बाद शहर के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. अनमय बचाओ अभियान से जुड़े युवाओं ने जुलूस निकालकर पटाखे फोड़े और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया. बता दें कि अनमय स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 (Spinal Muscular Atrophy Type 1) नामक बीमारी से पीड़ित है. 

अमेरिका से आएगा 16 करोड़ का इंजेक्शन 

जान लें कि सुल्तानपुर के रहने वाले 8 माह के बच्चे अनमय का इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा है. अनमय की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है जो अमेरिका से आयात होता है. अनमय के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग कंपनी पिछले 48 दिनों पैसे जुटा रही थी और अब तक दो करोड़ चौरासी लाख रुपये इकठ्ठा कर चुकी है. लेकिन अब फ्री में 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की व्यवस्था अनमय के लिए हो गई है. 

लकी ड्रॉ में आया बच्चे का नाम 

बता दें कि नोवार्टिस कंपनी द्वारा लॉटरी सिस्टम से स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से पीड़ित बच्चों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराने के लिए लकी ड्रा निकाला गया, जिसमें अनमय का नाम पहले स्थान पर आया. नोवार्टिस कंपनी अब अनमय को मुफ्त में जोलगेन्स्मा इंजेक्शन देगी. गौरतलब है कि नोवार्टिस कंपनी हर साल स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से पीड़ित 100 बच्चों को इसी लॉटरी सिस्टम से फ्री में इंजेक्शन लगवाती चली आ रही है. 

कितनी खतरनाक है यह बीमारी?  

बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी होने पर जीन बॉडी में तंत्रिका तंत्र के कार्य करने के लिए जरूरी प्रोटीन के निर्माण में बाधा डालता है, जिसकी वजह से तंत्रिका तंत्र नष्ट हो जाता है और पीड़ित बच्चे की मौत हो जाती है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी में मांसपेशियां खराब हो जाती हैं. इस जानलेवा बीमारी में कई बार बच्चे की मौत दो साल का होने से पहले ही हो जाती है. 

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