Tina Dabi IAS: जानिए महिला IAS अफसर को कितने दिनों की मिलती है मैटरनिटी लीव, इसके लिए क्या होते हैं नियम?

Tina Dabi IAS: ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता होता की महिला IAS अफसर को मैटरनिटी लीव कैसे दी जाती। आज हम इसके बारे ने आपको बताते हैं। वैसे तो भारत में मैटरनिटी लीव में महिलाओं को 180 दिन यानी 6 महीने की छुट्टी मिलती है. इस दौरान महिला कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी दी जाती है। 2017 से पहले तक महिलाओं को मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश में सिर्फ 3 महीने की छुट्टी मिलती थी.
पहले व दूसरे बच्चे के लिए 26 हफ्ते और तीसरे बच्चे के जन्म पर 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है. 3 महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली या सेरोगेट मदर्स को भी 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव दी जाती है.
Tina Dabi IAS Officer Maternity Leave: जैसलमेर की डीएम और भारत की सबसे चर्चित आईएएस अफसरों में से एक टीना डाबी जल्द ही खुशखबरी सुनाने की तैयारी में हैं. उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जयपुर में नॉन फील्ड पोस्टिंग का निवेदन किया है. माना जा रहा है कि वह कुछ महीनों में मैटरनिटी लीव पर चली जाएंगी. टीना डाबी के फैंस यह जरूर जानना चाहते होंगे कि आईएएस अफसरों के लिए मैटरनिटी लीव के नियम क्या हैं.
Tina Dabi IAS Officer Maternity Leave: आईएएस टीना डाबी राजस्थान के जैसलमेर की डीएम हैं (Jaisalmer Collector). 2015 यूपीएससी परीक्षा की टॉपर टीना डाबी सबसे चर्चित महिला आईएएस अफसरों में से एक हैं. कुछ दिनों पहले वह पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आईं हिंदू महिलाओं से मिलने पहुंची थीं. वहां कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने उन्हें बेटा होने का आशीर्वाद दिया था. उसके बाद से ही सोशल मीडिया पर टीना डाबी की प्रेगनेंसी की चर्चा आम हो गई.
आईएएस टीना डाबी की प्रदीप गवांडे आईएएस से हुई थी शादी
आईएएस टीना डाबी ने अप्रैल 2022 में डॉ. प्रदीप गवांडे आईएएस से शादी की थी. डॉ. प्रदीप की उम्र 43 साल और टीना की 30 साल है. दोनों ही राजस्थान में पोस्टेड हैं .
प्रेगनेंसी के चलते टीना डाबी ने नॉन फील्ड पोस्टिंग के लिए निवेदन पत्र लिखा है. प्रेगनेंसी की हालत में ज्यादा ट्रैवल करने या स्ट्रेस वाले काम से उनको परेशानी हो रही है. कुछ दिनों या महीनों में वह मैटरनिटी लीव पर भी चली जाएंगी।
IAS Officer Maternity Leave Policy: भारत में मैटरनिटी लीव में महिलाओं को 180 दिन यानी 6 महीने की छुट्टी मिलती है. इस दौरान महिला कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी दी जाती है.
2017 से पहले तक महिलाओं को मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश में सिर्फ 3 महीने की छुट्टी मिलती थी. पहले व दूसरे बच्चे के लिए 26 हफ्ते और तीसरे बच्चे के जन्म पर 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है. 3 महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली या सेरोगेट मदर्स को भी 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव दी जाती है.
ट्रेनिंग के दौरान प्रेगनेंट महिला अफसरों को मैटरनिटी लीव देने का प्रावधान नहीं है . उनके कंसीव करने की स्थिति में उन्हें इसकी जानकारी LBSNAA के डायरेक्टर को देनी होगी।
प्रेगनेंट महिला और बच्चे की सेहत को देखते हुए प्रोबेशनरी अधिकारियों को ट्रेनिंग बीच में स्थगित करने का आदेश दिया जा सकता है. इसके बाद वह अगले साल नए बैच के अफसरों के साथ अपनी ट्रेनिंग जारी रख सकती हैं।