Jobs Haryana

बड़ी प्रेरणादायक है अनाथ आश्रम में रहें इन बच्चों की कहानी, आज मेहनत के बलबूते कर रहे हैं हरियाणा सरकार की नौकरी

कहते हैं हालातो का बहाना बनाकर मंजिल तक पहुंचने की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। बस अपने हालातों से लड़ना सीखिए, वो दिन दूर नहीं होगा जब सफलता खुद आकर आपके कदम चूमेगी।
 | 
बड़ी प्रेरणादायक है अनाथ आश्रम में रहें इन बच्चों की कहानी, आज मेहनत के बलबूते कर रहे हैं हरियाणा सरकार की नौकरी 

Motivational Story: कहते हैं हालातो का बहाना बनाकर मंजिल तक पहुंचने की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। बस अपने हालातों से लड़ना सीखिए, वो दिन दूर नहीं होगा जब सफलता खुद आकर आपके कदम चूमेगी। कुछ ऐसी ही कहानी है, इन चार अनाथ बच्चों की, जिन्होंने हालातों की परवाह किए बगैर बस कड़ा परिश्रम जारी रखा और सरकारी नौकरी हासिल की।

सबसे पहले जिक्र दिव्या का करते हैं, जिसे मात्र 3 महीने की उम्र में उसके मां- बाप करनाल के एमडीडी बाल भवन में छोड़ कर चले गए थे। तब से ये बच्ची यहीं रह रही है। ये वो जगह है जहां पर गुम हुए बच्चे आते हैं या वो बच्चे रहते हैं जिनके मां बाप इस दुनिया में नहीं हैं। दिव्या यहीं पली- बढ़ी और कड़ी मेहनत करते हुए अच्छे नंबरों से 12वीं पास की। अब हरियाणा सरकार की हरिहर योजना के तहत इस बच्ची की गुरुग्राम हेल्थ विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी लगी है।

ठीक ऐसी ही कहानी सरिता की है, जो करनाल के श्रद्धानंद आश्रम में रहती है। जन्म लेने के मात्र 2 दिन बाद खुद को आश्रम में पाया। इस लड़की ने भी इसी आश्रम में रहते हुए हालातों की परवाह किए बगैर कड़ी मेहनत कर 12वीं परीक्षा पास की और आज हरियाणा सरकार की हरिहर योजना के तहत वूमेन चाइल्ड विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी लगी है।

तीसरी लड़की सुधा है, जिसे भी मात्र 2 दिन की उम्र में मां- बाप श्रद्धानंद आश्रम छोड़कर चले गए थे। इस लड़की ने भी कड़ी मेहनत करते हुए अपना संघर्ष जारी रखा। सुधा बताती है कि आश्रम में इतना प्यार- सत्कार मिलता है कि कभी माता- पिता की कमी महसूस ही नहीं हुई। सुधा को भी आज सरकार के सहयोग से डब्ल्यूसीडी में क्लर्क के पद पर नौकरी मिली है।

चौथी कहानी कन्हैया की हैं, जो हिसार बाल भवन में करीब 12 साल से रह रहा था। उसका बचपन भी बाल भवन में बीता है। उसके बाद उसका ट्रांसफर मधुबन करनाल में हरियाणा राज्य बाल भवन में हो गया था। यहां भी उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और वो आगे बढ़ता चलता गया और अब उसकी नौकरी शिक्षा विभाग में क्लर्क के पद पर लगी है।

Latest News

Featured

You May Like