Success Story: हरियाणा की इस IAS बेटी की कहानी है बड़ी चुनौतीपूर्ण, विधवा मां को सुकून देने की चाह ने बना दिया अफसर

Success Story: खेल मैदान से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में, हरियाणा की बेटियां लगातार सफलता के झंडे गाड़ रही है। इसी कड़ी में हम आज आपको महेन्द्रगढ़ जिले की बेटी दिव्या तंवर के संघर्ष की कहानी बताएंगे, जिन्होंने पहले ही प्रयास में IPS का पद हासिल कर लिया था और उसके बाद फिर IAS ऑफिसर बनकर दिखाया। विधवा मां की इस बेटी के संघर्ष की कहानी बड़ी ही चुनौतीपूर्ण रही है।
दिव्या व उनके 2 और भाई-बहनों की परवरिश उनकी मां ने अकेले की है। तीनों बच्चों के सिर से पिता का साया तब उठ गया था, जब दिव्या 9 साल की थी। दिव्या ने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की थी।
इसके बाद छठी से 12वीं तक नवोदय विद्यालय में पढ़ीं। स्कूल के दौरान ही एक बार एनुअल फंक्शन में SDM आए हुए थे और दिव्या उनके रुतबे से इतना प्रभावित हो गई थी कि उसी दिन मन में ठान लिया था, ऐसा ही बनना है।
12वीं के बाद ग्रेजुएशन सरकारी कॉलेज से की। पढ़ाई का खर्च, बच्चों को ट्यूशन और गांव के स्कूल में पढ़ाकर निकाला। इसी दौरान UPSC परीक्षा के बारे में जाना और समझा। गरीबी के साथ जिंदगी चल रही थी लेकिन हौसला कभी नहीं टूटने दिया। मुश्किल में तपकर और ज्यादा मजूबत बनते गए। UPSC की आधिकारिक वेबसाइट से सिलेबस देखा और उसी के मुताबिक अपने आप तैयारी शुरू कर दी।
दिव्या ने बताया कि UPSC टॉपर्स के इंटरव्यू देखे। उन्होंने जो किताबें बताईं, सभी से पढ़ाई की। NCERT की किताबें, पिछले सालों के सब पेपर दोहराएं। अपनी तैयारी का लेवल जांचने के लिए टेस्ट सीरीज जॉइन की। लेपटॉप, फोन, Wi-Fi और कोचिंग लेने का कोई संसाधन नहीं था लेकिन मजबूरियों का रोना रोकर अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं भटकाया।
मां को अच्छी जिंदगी देना था एकमात्र लक्ष्य
दिव्या ने बताया कि घर, परिवार या कुनबे में कोई दूर- दूर तक इस फील्ड से नहीं था तो लिहाजा किसी से कोई गाइडेंस नहीं मिली। YouTube और Google के सहारे बस आगे बढ़ती रही। बस एक ही मकसद था, जिसने परीक्षा पास करने का हौसला टूटने नहीं दिया। वह था, खुद कामयाब होकर मां को सुविधाओं और सम्मान भरी ज़िंदगी देनी है।
IPS दिव्या तंवर ने यूपीएससी 2023 में ऑल इंडिया 105वीं रैंक पाई, यह दूसरा प्रयास था। इससे पहले यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 438वीं रैंक पाकर आईपीएस पद पाया था। तब मणिपुर कैडर अलॉट हुआ था। दिव्या को 'वायरल गर्ल' के नाम से भी जाना जा रहा है।