Jobs Haryana

Rajasthan News: राजस्थान में छाया प्रकाश हलवाई का जादू, रोजाना 500 समोसे, 5 किलो पेड़े और 10 किलों कलाकंद की बिक्री; सालाना लाखों में कमाई

राजस्थान के सीकर जिले के गांव कुली में एक हलवाई का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उनके बनाए समोसे और मिठाइयों का स्वाद चखने लोग दूरदराज क्षेत्रों से दौड़े चले आते हैं।
 | 
राजस्थान में छाया प्रकाश हलवाई का जादू, रोजाना 500 समोसे, 5 किलो पेड़े और 10 किलों कलाकंद की बिक्री; सालाना लाखों में कमाई

Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले के गांव कुली में एक हलवाई का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उनके बनाए समोसे और मिठाइयों का स्वाद चखने लोग दूरदराज क्षेत्रों से दौड़े चले आते हैं। यह हलवाई रोजाना 500 से ज्यादा समोसे, 5 किलो से ज्यादा पेडे और 10 किलो के आसपास कलाकंद बेच देता है।

खाचरियावास निवासी प्रकाश स्वामी ने बताया कि लगभग 30 साल पहले कुली गांव में उन्होंने प्रेम मिष्ठान भंडार के नाम से दुकान की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि इन समोसो मे केमिकल मसालों का इस्तेमाल नहीं बल्कि हर्बल मसालों का इस्तेमाल करते है, जिसके चलते इसका स्वाद अन्य दुकानदारों के समोसे से अलग बन जाता है।

लोगों को समोसे का यह टेस्ट बहुत अधिक पसंद आ गया है। धीरे- धीरे मार्केट में इनकी डिमांड बढ़ने लगी तो उन्होंने बड़े स्तर पर समोसे बनाने का काम शुरू कर दिया। वो पिछले 30 साल से समोसे और मिठाइयां बनाने का काम कर रहे हैं। 

रोजाना 10 हजार से ज्यादा की कमाई

हलवाई प्रकाश स्वामी ने बताया कि वह पहले छोटी सी दुकान में समोसे बनाते थे। लोगों को जब समोसे बहुत पसंद आए तो हमने बड़ी दुकान ले ली, जिसमें अब कलाकंद, पेड़े, लड्डू, कचोरी सहित अनेक मिठाईयां भी बनाते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनकी दिनभर की कमाई 10 हजार से भी ज्यादा हो जाती है।

वह रोजाना 500 से ज्यादा समोसे, 300 से ज्यादा मिर्ची पड़े, 5 किलो से ज्यादा पेड़े और10 किलो से ज्यादा कलाकंद बेच देते हैं। साथ ही वह बड़े कार्यक्रमों में जाकर कलाकंद, समोसे सहित अनेक मिठाइयां भी बनाते हैं। वो एक साल में 20 लाख रुपए तक कमा लेते हैं।

अब परिवार के सदस्य भी साथ

प्रकाश ने बताया कि जब शुरुआत में उन्होंने हलवाई का काम शुरू किया था तो परिवार के सदस्य उनके इस फैसले से खुश नहीं थे। उनका कहना था कि कहीं बाहर जा कर दो पैसे कमाए इस काम से पेट नहीं पाला जा सकता है लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी।

धीरे- धीरे मार्केट में उनके बनाए प्रोडेक्ट की डिमांड बढ़ती चली गई और उनकी सालाना आमदनी लाखों रुपए में पहुंच गई। इस कारण अब उनके साथ उनके बेटे और परिवार के सदस्य भी उनका हाथ बटा रहे हैं। जब वो दुकान पर नहीं होते हैं तो उनके बेटे मिठाईयां बनाते हैं और ग्राहकों को बेचते हैं।

Latest News

Featured

You May Like