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IAS Garima Singh Success Story: बॉलीवुड एक्ट्रेस को टक्कर देती है ये आईएएस अफसर, जानिए इनकी सफलता की कहानी

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IAS Garima Singh Story : UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है।

इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। अगर कोई यूपीएससी परीक्षा को पास कर लेता है तो आसपास के इलाके में उसके चर्चे शुरू हो जाते हैं। साथ ही बता दें इनमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद अलॉट किए जाते हैं।

वहीं इसी बीच आज हम आपको एक ऐसी ही आईएएस महिला की सफलता की कहानी बताने जा रहे है जो दिखने में बेहद खूबसूरत है। बड़ी बड़ी बॉलीवुड एक्ट्रेस भी इस आईएएस अफसर के सामने फ़ैल है। यह कोई और नहीं बल्कि आईएएस अफसर गरिमा सिंह है। 

यूपी के बलिया जिले की रहने वाली गरिमा ने पहली बार 2012 में सिविल सर्विसेज का एग्जाम दिया और वो आईपीएस बन गईं। इसके बाद वो लखनऊ में 2 साल तक अंडर ट्रेनी एएसपी के तौर पर तैनात रहीं। इनकी दूसरी तैनाती झांसी में एसपी सिटी के तौर पर हुई। 

ड्यूटी के बीच समय निकालकर उन्होंने आईएएस की तैयारी की। ड्यूटी पर जाने से पहले रोज सुबह एग्जाम प्रिपरेशन करती थीं। यही नहीं, संडे की छुट्टी भी उनकी स्टडीज में बीतती थी। 2015 के यूपीएससी फाइनल में उन्होंने 55वीं रैंक हासिल की थी। 

गरिमा ने कहा कि, मेरे पापा ओमकार नाथ सिंह इंजीनियर हैं।  वे चाहते थे कि मैं सिविल सर्विसेज में जाऊं। सिर्फ उनके कहने पर मैंने तैयारी शुरू की।  गरिमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए और एमए (हिस्ट्री) की पढ़ाई की है। 

गरिमा ने IPS बनने के 2 साल बाद शादी की। गरिमा के पति इंजीनियर हैं। गरिमा सिंह झारखंड में भी तैनात रहीं। आईएएस के पद पर रहते हुए उनके काम को लोगों ने काफी सराहा।

एक बार उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि उनसे एक पुलिसकर्मी ने 100 रुपये घूस मांग लिया था।  हुआ ये था कि वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से ग्रेजुएशन कर रही थीं. एक बार वह देर रात मॉल से अपने हॉस्टल रिक्शे से लौट रही थीं। 

रास्ते में चेकिंग के लिए एक पुलिसवाले ने उनका रिक्शा रोक लिया। उसने गरिमा सिंह से पूछा कि वह इतनी रात में कहां से आ रही हो और कहां जाना है. इसके बाद 100 रुपये घूस मांग लिया। इस घटना ने गरिमा सिंह का पुलिस के प्रति मन कड़वा कर दिया। 

गरिमा ने बताया कि, आईपीएस बनने के बाद से मैंने आईएएस बनने की ठान ली थी। आखिरकार मेरी मेहनत सफल हुई, लेकिन वर्दी छोड़ना मुझे बुरा लगेगा। वर्दी पर मुझे प्राउड है। 

एक जॉब में 3 साल तक कोई हो, तो लगाव हो ही जाता है। आईएएस के तौर पर दायरा बढ़ जाता है। लोगों की मदद ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं। पब्लिक से सीधे जुड़ने का मौका मिलता है। 

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