IIM की डिग्री और लाखों रूपए की नौकरी छोड़कर शुरू किया दूध बेचने का काम, आज 5,000 करोड़ की कंपनी का मालिक है चक्रधर

Delhi News: कहते हैं कई बार आदमी करना कुछ चाहता है लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर होता है। कुछ ऐसी ही किस्मत का धनी है, हरियाणा का रहने वाला चक्रधर गडे। परिजनों ने जिस बेटे को अच्छी शिक्षा ग्रहण कराई, उस बेटे ने अपनी काबिलियत की बदौलत IIM की डिग्री भी हासिल की लेकिन एकाएक उस बेटे ने अच्छी- खासी नौकरी छोड़ कर दूध बेचने का काम शुरू कर घरवालों को परेशानी में डाल दिया।
शुरुआत में घरवालें भी चक्रधर के इस फैसले से हैरान थे लेकिन उन्हें अपने बेटे की प्रतिभा पर भरोसा था। इसी भरोसे ने चक्रधर की कामयाबी की नई इबारत लिखी और आज वह 5,000 करोड़ रूपए की कंपनी का मालिक है।
ये कहानी है पॉपुलर ब्रांड कंट्री डिलाइट (Country Delight) की। आपने भी कभी- कभार इसका इस्तेमाल किया हो, ऐप से ऑर्डर करके दूध या कुछ और सामान मंगवाया हो, लेकिन इसके पीछे जिस शख्स का दिमाग है, आज उसके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे।
इस तरह शुरू हुआ कारवां
साल 2004 में इंजिनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद चक्रधर गडे ने इंफोसिस कंपनी में नौकरी करना शुरू किया। करीब एक साल बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर IIM इंदौर से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। डिग्री पूरी हुई ही थी कि उन्हें Indxx कैपिटल मैनेंजमेंट से नौकरी का ऑफर मिल गया। उन्हें कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट पर लाखों रुपए के पैकेज के साथ नौकरी मिली।
चक्रधर यहां 6 साल तक नौकरी करते रहे और एक दिन उन्हें लगा कि वो नौकरी के लिए बनें ही नहीं है। उन्हें अपना काम करना है, लेकिन क्या, कैसे और कहां? ऐसे सवाल उनके मन में हिचकोले खा रहे थे। इस बीच चक्रधर गडे की दोस्ती नितिन कौशन से हुई और दोनों ने मिलकर अपना बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई।
मिलावटी दूध से थे परेशान
चक्रधर गडे ने दिल्ली- एनसीआर में मिलावटी दूध की समस्या को मुख्य रूप से सामने पाया और यहीं से उन्हें अपने कारोबार का आइडिया मिला। नितिन के साथ मिलकर शुरूआती दो साल उन्होंने लोगों के घर ताजा दूध पहुंचाने का काम किया। साल 2013 में उन्होंने कंट्री डिलाइट की शुरुआत की।
लोगों के फीडबैक जानने और उनकी जरूरतों को समझने के लिए चक्रधर खुद कई बार दूध की डिलीवरी करने पहुंच जाते। उन्होंने समझ लिया था कि लोग मिलावटी दूध से परेशान है। उन्होंने किसानों से सीधे दूध कस्टमर तक पहुंचाने की थ्योरी पर काम करना शुरू किया।
शुरूआत में झेली मुश्किलें
चक्रधर और नितिन दोनों ने शुरूआत के दो साल पार्ट टाइम के तौर पर दूध बेचने का काम किया लेकिन 2015 में उन्होंने बिजनेस पर पूरा फोकस करते हुए मार्केट स्टडी की, कस्टमर्स की जरूरतों को समझा और योजना बनाई तथा अपने मिशन को साकार करने में जुट गए।
कंट्री डिलाइट के जरिए वो लोगों तक नेचुरल, फ्रेश और बिना मिलावट वाला दूध पहुंचाने के काम में जुट गए। किसानों से दूध लेकर उन्हें अगले 24 से 48 घंटे के भीतर कस्टमर्स तक पहुंचाना होता था। 6 सालों तक उन्होंने अपनी कंपनी को बूटस्टेप पर रखा। साल 2017 में उन्होंने पहली फंडिग हासिल की।
ऐप के जरिए सीधे ग्राहकों से जुड़े
कस्टमर्स को कंट्री डिलाइट का दूध पसंद आने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने अपने ब्रांड में सब्जी-फल, पनीर, दही, हल्दी स्नैक्स, बेकरी के प्रोडक्ट जोड़ लिए। ऐप के जरिए सब्सक्रिप्शन मॉडल पर उनका कारोबार चलता है। आज उनकी कंपनी दूध के साथ दैनिक आवश्यकता की कई वस्तुओं को ग्राहकों के घर तक पहुंचाने का काम करती है।
चक्रधर ने बताया कि आज एक महीने के दौरान ऑर्डर डिलीवर करने की संख्या का आंकड़ा 5 करोड़ से अधिक है। उनके पास 6 हजार से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स हैं। देश के 15 शहरों में कंट्री डिलाइट कारोबार करती है। इनमें दिल्ली- एनसीआर, मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, चेन्नई जैसे बड़े शहर शामिल हैं। फाइनेंशियल ईयर 2022 में उन्होंने 600 करोड़ रुपये का ऑपरेशन रेवेन्यू हासिल किया। आज कंट्री डिलाइट का मार्केट वैल्यू 615 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।