UPSC Result: इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ आईएएस बने मैनपुरी के ऋतुराज, पहले ही प्रयास में पाई सफलता
ऋतुराज प्रताप सिंह ने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर आईएएस के लिए 296वीं रैंक हासिल की है। उनकी उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है।
मैनपुरी के गांव नगला बूंचा निवासी शिक्षक सतीश चंद्र यादव के बड़े बेटे ऋतुराज प्रताप सिंह ने जिले का नाम रोशन किया है। ऋतुराज प्रताप सिंह ने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर 296वीं रैंक हासिल की है। ऋतुराज प्रताप सिंह की सफलता पर परिचित और रिश्तेदार उनके आवास पर बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं।
गांव नगला बूंचा (गांगसी) हाल निवासी करहल चौराहा सतीश चंद्र यादव बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं। उनके बड़े पुत्र ऋतुराज प्रताप सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन किया है। ऋतुराज प्रताप की मां गृहिणी हैं। ऋतुराज ने हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 2012 में नगर स्थित सुदिती ग्लोबल एकेडमी से पास की थी।
यूपीएससी के लिए नौकरी छोड़ी
12वीं की परीक्षा नगर स्थित सीआरबी स्कूल से वर्ष 2014 में पास की। वर्ष 2015 से 2019 तक ऋतुराज ने बीटेक की पढ़ाई की। वर्ष 2019-20 में एक साल के लिए ऋतुराज ने जाम नगर की रिलाइंस कंपनी में मेंटीनेंस इंजीनियर के रूप में नौकरी की। वर्ष 2021 लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आवेदन किया तो नौकरी छोड़ दी।
ऋतुराज ने बताया कि उन्होंने पूरी लगन के साथ दिल्ली में रहते हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए ऑनलाइन कोचिंग की। ऋतुराज ने इस दौरान नौ से 10 घंटे तक पढ़ाई की। ऋतुराज अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता सतीश चंद्र यादव और मां सुनीता यादव को देते हैं। उन्होंने अपने गुरुजनों और साथियों को भी पढ़ाई में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
क्रिकेट है पसंदीदा खेल
ऋतुराज क्रिकेट के शौकीन हैं, हालांकि पढ़ाई में अधिक लगन के कारण वब कॉलेज स्तर तक ही क्रिकेट खेल सके। ऋतुराज पूर्व कप्तान विराट कोहली को पसंद करते हैं। उनका कहना है कि यदि डेढ़ साल भी लगन और सही गाइडेंस में परीक्षा की तैयारी की जाए तो सफलता हासिल की जा सकती है।
ऋतुराज का छोटा भाई पुष्पराज प्रताप सिंह भी दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है। हाल ही में पुष्पराज ने रुड़की से आईआईटी की परीक्षा पास की है। ऋतुराज प्रताप सिंह की सफलता पर जिले के लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर बधाई दी है।