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Success Story: पहली बार में IPS, दूसरी बार में IAS बनीं गरिमा, जानिए UPSC क्रैक करने के टिप्स ​​​​​​​

वर्तमान में गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में प्रशिक्षण के लिए सहायक जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं. गरिमा आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार में अपने अपने आईआईटी से लेकर आईपीएस और फिर आईएएस बनने के सफर की कहानी साझा की. आइए जानते हैं यहां... 

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Success Story: पहली बार में IPS, दूसरी बार में IAS बनीं गरिमा, जानिए UPSC क्रैक करने के टिप्स

Success Story of IAS Garima Agrawal: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में एक माना जाता है.  यही कारण है कि इस परीक्षा में सभी को सफलता नसीब नहीं हो पाती है. लेकिन कुछ होनहार ऐसे भी होते हैं, जो अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा को क्लीयर कर लेते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल ने. गरिमा मूल रूप से मध्यप्रदेश के खरगोन की रहने वाली हैं. 29 वर्षीय गरिमा यूपीएससी के अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गईं, लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस बनने का था. यही कारण है कि उन्होंने फिर से तैयारी की और दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना भी कर लिया. 

वर्तमान में गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में प्रशिक्षण के लिए सहायक जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं. गरिमा आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार में अपने अपने आईआईटी से लेकर आईपीएस और फिर आईएएस बनने के सफर की कहानी साझा की. आइए जानते हैं यहां...  

शुरू से पढ़ाई में तेज थीं गरिमा 
गरिमा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर खरगोन से की. आईआईटी से ग्रेजुएट होने के बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. उन्होंने जब पहली बार एग्जाम दिया तो 240वीं रैंक मिली. हालांकि कम रैंक की वजह से वह आईएएस नहीं बन पाईं. इसके बाद उन्होंने 2018 में दूसरी बार फिर परीक्षा दी. इस बार उन्हें ऑल इंडिया  40वीं रैंक मिली. इसके बाद उन्होंने 2019-2020 में एलबीएस अकादमी, मसूरी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया. 

गरिमा का सफलता के लिए मूल मंत्र 
गरिमा के मुताबिक यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को प्री, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी अलग-अलग न करके एक साथ करनी चाहिए. क्योंकि प्री परीक्षा में आने वाले प्रश्न भी कई बार मुख्य परीक्षा में आ जाते हैं. इसीलिए रिवीजन करना जरूरी है. साथ ही अभ्यर्थियों को समय-समय पर मॉक टेस्ट भी देते रहना चाहिए. इससे स्पीड बढ़ जाती है और एग्जाम में कोई भी प्रश्न छूटता नहीं है.     

असफलता पर न हो निराश 
गरिमा के मुताबिक यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी धैर्य और निरंतरता है. इसलिए लगातार मेहनत करते रहे, अगर पहली बार में सफलता नहीं मिलती हैं, तो निराश न हो और दोगुनी मेहनत से तैयारी करते रहे. इस दौरान निगेटिव ऊर्जा वाले व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखें, क्योंकि ऐसे लोगों के पास रहने से तैयारी प्रभावित होती है. 

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