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IAS Success Story: नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करके यशनी नागराजन ने ऐसे हासिल की सफलता, जानें IAS Yashni Nagarajan की सफलता की कहानी

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Success Story IAS officer Yashni Nagarajan

UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और ज्यादातर कैंडिडेट्स को लगता है कि इसकी तैयारी फुल टाइम करनी पड़ती है, लेकिन कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते हैं, जो नौकरी करने के साथ ही सिविल सर्विस एग्जाम पास कर लेते हैं और आईएएस बन जाते हैं। ऐसी ही कुछ स्टोरी अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली Yashni Nagarajan की है, जिन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ रोजाना सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई की और आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने का सपना पूरा किया।

याशनी ने पहले की इंजीनियरिंग
याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) ने अपनी स्कूली शिक्षा अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन स्थित केंद्रीय विद्यालय से की। 12वीं के बाद याशनी ने पापुम पारे जिले के युपिया में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और उन्होंने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया।

फुल टाइम जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी
बीटेक करने के बाद याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) की नौकरी लग गई, लेकिन उनका सपना हमेशा से आईएएस अफसर बनने का था। इसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ ही यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी करने का फैसला किया। हालांकि फुल टाइम जॉब के साथ यह इतना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बेहतर टाइम मैनेजमेंट से यह संभव कर दिखाया।

रोज कर पाती थीं सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई
फुल टाइम जॉब के बावजूद याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) पढ़ाई के लिए समय निकाल लेती थीं, लेकिन वह एक दिन में सिर्फ 4-5 घंटे ही पढ़ाई कर पाती थीं। हालांकि वह वीकेंड का पूरा इस्तेमाल करती थीं और पूरे दिन पढ़ाई करती थीं। DNA की रिपोर्ट के अनुसार, याशनी मानती है कि फुल टाइम जॉब करने के साथ ही यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं, लेकिन वीकेंड पर आपको ज्यादा ध्यान देना होगा।

तीसरे प्रयास में याशनी को मिली सफलता
याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) ने कड़ी मेहनत से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की, लेकिन पहले दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली। तीसरे प्रयास में याशनी चयनित हुईं और ऑल इंडिया में 834वीं रैंक हासिल की, लेकिन वो अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थी। इसके बाद उन्होंने चौथी बार एग्जाम देने का फैसला किया।

चौथे प्रयास में बनीं IAS अफसर
लगातार दो असफलताएं और तीसरी बार 834वीं रैंक हासिल करने के बाद भी याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को मोटिवेट करते हुए चौथी बार यूपीएससी परीक्षा दी। चौथे प्रयास में भी याशनी को सफलता मिली और उन्होंने 57वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया। याशनी के पिता थंगावेल नागराजन रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी इंजीनियर हैं और उनकी मां गुवाहाटी हाई कोर्ट रजिस्ट्री के ईटानगर शाखा की रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट हैं।

पहले 2 प्रयासों में क्यों नहीं मिली सफलता?
याशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) बताती है कि उनकी असफलता पीछे सबसे बड़ी कमी ऑप्शनल विषय था। उन्होंने गलत ऑप्शनल चुन लिया था, क्योंकि उनके सारे दोस्त वही चुन रहे थे। तीन बार उन्होंने उसी ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ परीक्षा दी और चौथी बार में उसे बदलने के बाद सफलता हाथ लगी। वे कहती हैं ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव बहुत ज्यादा जरूरी है, इसलिए सोच-समझकर ही चुनना चाहिए।

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