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Haryana news : हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल के चलते सरकार दुविधा में, कई विभागों में रुक सकती है कर्मचारियों की सेलरी ! जाने वजह

हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल का प्रभाव सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर भी देखने को मिला है। बता दें कि क्लर्क बेसिक-पे 19 हजार 900 से बढ़ाकर 35 हजार 400 करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार बेसिक-पे 21 हजार 700 रुपये करने को राजी है।
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 हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल के चलते सरकार दुविधा में, कई विभागों में रुक सकती है कर्मचारियों की सेलरी ! जाने वजह 

Haryana news : हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल का प्रभाव सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर भी देखने को मिला है। बता दें कि क्लर्क बेसिक-पे 19 हजार 900 से बढ़ाकर 35 हजार 400 करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार बेसिक-पे 21 हजार 700 रुपये करने को राजी है।

आपको बता दें कि राज्य में 5 जुलाई से क्लर्कों अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे है। हड़ताल खत्म नहीं होती देख सरकार ने सख्ती से पेश आते हुए ‘नो वर्क-नो पे’ का सिद्धांत भी लागू कर दिया है। 

इस सिद्धांत के मुताबिक सरकार ने तहसीलदारों को आदेश दिए हैं कि वे बिना क्लर्क के रजिस्ट्री करें ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।

जानकारी के लिए बता दें कि तहसीलदार ऑनलाइन रजिस्ट्री कर सकेंगे, लेकिन रजिस्ट्री की नकल लोगों को नहीं मिल पाएगा। रजिस्ट्री होने के बाद उसकी मूल कॉपी रिकार्ड में जमा होती है। 

इसके बाद रजिस्टर में एंट्री होती है और रजिस्ट्री करवाने वाले दोनों पार्टियों (खरीदार और बेचने वाला) को नकल (रजिस्ट्री की सर्टिफाइड) कॉपी क्लर्क द्वारा ही दी जाती है। क्लर्कों की हड़ताल की वजह से रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों को नकल नहीं मिल पाएगी। 

 कर्मचारियों की रुक सकती हैं सेलरी 
इस हड़ताल के चलते सरकारी कर्मचारियों की सेलरी भी रुक सकती है। आज मंगलवार से अगस्त महीने की शुरुआत हो चुकी है। सप्ताह के पहले ही दो-तीन दिनों के दौरान कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में जमा हो जाता है। 

लेकिन यह तभी संभव होता है जब क्लर्क और अधीक्षक सेलरी बनाकर संबंधित अधिकारी के साइन करवाते हैं। सबसे अधिक परेशानी शिक्षा विभाग में आएगी क्योंकि वहां एक ही क्लर्क है और उसी के पास इसके अधिकार हैं।

 विभागों के साथ-साथ ट्रेजरी के क्लर्क भी बड़ी संख्या में हड़ताल में शामिल हैं। ऐसे में अब सरकार सेलरी को लेकर दुविधा है कि किस तरीके से कर्मचारियों का वेतन समय पर दिया जाए।

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