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Breaking news: हरियाणा में 500 से ज्यादा क्लर्कों की नौकरी पर लटकी तलवार, भर्ती में घोटाले का शक, देखें डिटेल्स

हरियाणा में तीन साल पहले भर्ती हुए 500 से ज्यादा क्लर्कों की नौकरी पर तलवार लटकने वाली है। इस भर्ती में घोटाले की आशंका के चलते इस भर्ती में दोबारा से जांच के आदेश एचएसएससी की तरफ से जारी हुए हैं।
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हरियाणा में 500 से ज्यादा क्लर्कों की नौकरी पर लटकी तलवार, भर्ती में घोटाले का शक, देखें डिटेल्स

Breaking news : हरियाणा में तीन साल पहले भर्ती हुए 500 से ज्यादा क्लर्कों की नौकरी पर तलवार लटकने वाली है। इस भर्ती में घोटाले की आशंका के चलते इस भर्ती में दोबारा से जांच के आदेश एचएसएससी की तरफ से जारी हुए हैं। इसके साथ-साथ आयोग की ओर से भर्ती से सभी संबंधित विभागों से दस्तावेज भी तलब कर लिए गए हैं। 

सरकार ने सभी विभागों से 2020 में भर्ती हुए क्लर्कों के दस्तावेजों का डेटा मांगा गया है। अगर जांच में कहीं भी गड़बड़ी मिली तो सात दिन के अंदर-अंदर क्लर्कों को हटाने के आदेश जारी हुए हैं। 


काबिलेगौर है कि हरियाणा में 4798 क्लर्क पिछले साढ़े तीन साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन 4798 क्लर्कों में से 500 क्लर्को की नौकरी पर अब संकट खड़ा हो गया है। एचएसएससी ने सितंबर 2020 से नौकरी पर लगे सभी क्लर्कों की सेवाएं उसी समय समाप्त करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा था। यह भी कहा गया था कि नए सिरे से नियुक्तियां होंगी और नौकरी गंवाने वाले क्लर्कों की जगह नए अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। 

उस समय हाई कोर्ट में पहुंच गया था मामला 
कुछ अभ्यर्थी भर्ती में पूछे गए सवालों के गलत उत्तर देने के चलते पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे। अभ्यर्थियों ने अपडेटेड रिजल्ट जारी कराने की अपील की थी। तमाम दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तीन सवालों को ठीक मानते हुए अप्रैल 2022 में अपडेटिड रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए थे। इन सवालों के ठीक होने के चलते करीब एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ गए, जबकि 48 हजार अभ्यार्थियों के कम हो गए थे। इसी आधार पर आयोग ने अपडेटेड रिजल्ट जारी किया था। उस समय ही बायोमेट्रिक निशान और चेहरे के निशान नहीं मिलने के कारण 58 अभ्यर्थियों के परिणाम को रोक लिया गया था।

यहां से हुई थी फर्जीवाड़े की आशंका 
आयोग ने 21 मई से 6 जून तक कुल 24097 अभ्यर्थियों को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया गया था। 13168 अभ्यर्थी ही दस्तावेजों की जांच कराने पहुंचे और 10929 अभ्यर्थी नहीं आए। इनमें से 900 के करीब ऐसे अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे, जो पहले से ही सिलेक्टिड थे। आशंका जताई है कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर भर्तीवाड़ा हुआ था। काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर आर्थिक सामाजिक आधार के अंक हासिल किए थे। फर्जीवाड़ा में पकड़े जाने के डर से अधिकतर अभ्यर्थियों ने जांच से दूरी बनाई।

यह भी हुआ था विवाद 
पेपर के दो सेट थे। सेट सी में प्रश्न नंबर 3, 47 व 66 वही थे जो सेट-ए में 24, 62 व 9 थे। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प ए, बी, सी, डी दिए गए थे। सेट-C में यदि प्रश्न का उत्तर C था तो सेट-A में डी था। आयोग ने परिणाम जारी किया तो दोनों के विकल्प सी को सही बताते हुए अंक दिए। इन अंकों के चलते कई आवेदक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। हाईकोर्ट ने उन तीन सवालों को ठीक मानकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।

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