भारत के चावल निर्यात पर बैन से इंटरनेशनल मार्केट में मचा हड़कंप! अभी और तेजी की संभावना
निर्यात पर मोदी सरकार द्वारा रोक लगाने से दुनिया के कई देशों में चावल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पिछले हफ्ते ही, भारत ने चावल निर्यात पर अपने प्रतिबंध का विस्तार किया, जिससे एशिया में चावल की कीमतें 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। बता दें कि ये निर्यात प्रतिबंध 20 जुलाई से शुरू होकर कई अन्य अनाजों पर भी लागू हो गया है। चावल की कीमत बढ़कर इससे एशिया में 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
वैश्विक स्तर पर भारत सबसे बड़े चावल निर्यातक देशों में से एक है, इसके बाद थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश हैं। वहीं इसको लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस पीटर टिमर ने बताया कि चावल की बढ़ती कीमतें सबसे गरीब उपभोक्ताओं को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं। अब सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश भी चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगते हैं तो दुनिया भर में चावल की कीमतें 1,000 डॉलर प्रति टन से अधिक हो सकती हैं।
चीन दे सकता है बड़ी राहत!
भारत ने या तो टैरिफ बढ़ा दिया है या चावल निर्यात पूरी तरह से रोक दिया है। वर्तमान में, वैश्विक बाजार में चावल की मानक कीमत 646 डॉलर प्रति टन है, लेकिन कम बारिश के कारण फसलों पर असर पड़ने से चावल की कीमतों में अतिरिक्त उछाल देखने को मिल सकता है।
थाईलैंड ने पहले ही सूखे की चेतावनी जारी कर दी है, जिससे कीमतें और बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। हालाँकि, चीन की स्थिति, जहां फसल अच्छी है, संभावित रूप से वैश्विक बाजारों को कुछ राहत दे सकती है।