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Raj Kisan Girdawari App : कैसे करें ‘राज किसान गिरदावरी एप’ का उपयोग? यहां जानें पूरा तरीका

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Raj Kisan Girdawari App : कैसे करें ‘राज किसान गिरदावरी एप’ का उपयोग? यहां जानें पूरा तरीका

राजस्थान के किसानों के लिए काम की खबर है। राज्य सरकार ने खरीफ फसल गिरदावरी को आसान बनाने के लिए ‘राज किसान गिरदावरी एप’ की शुरुआत की है। इस ऐप की जरिए किसान अपनी फसल की गिरदावरी ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए किसानों को बार-बार पटवारी के पास नहीं जाना पड़ेगी।


कैसे करें ‘राज किसान गिरदावरी एप’ का उपयोग?
इस एप्लिकेशन के जरिए किसान अपने मोबाइल से ही फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने इसे निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया है:

किसान अपनी जनाधार आईडी का उपयोग करके एप में लॉगिन करेंगे।
आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से पहचान की पुष्टि करेंगे।
अपनी भूमि का खसरा नंबर, जिला, तहसील, और गांव का चयन करेंगे।
इसके बाद, अपनी फसल की जानकारी दर्ज करेंगे, जैसे कि फसल सिंचित है या असिंचित। यदि खेत में फलदार पेड़ हैं, तो उनकी संख्या भी दर्ज की जा सकेगी।
इस एप्लिकेशन के जरिए किसानों को यह भी सुविधा दी गई है कि अगर उनके खेत में कोई फसल नहीं है, तो वे बिना फसल की गिरदावरी भी कर सकेंगे, ताकि भविष्य की रबी फसल के लिए कोई समस्या न हो।

ई-गिरदावरी की अंतिम तिथि बढ़ाई गई
सरकार ने किसानों की सुविधा के मद्देनजर ई-गिरदावरी प्रक्रिया की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इससे किसानों को पर्याप्त समय मिलेगा ताकि वे अपनी फसल की सही जानकारी समय पर दर्ज कर सकें। यह कदम राज्य सरकार द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया है।

 

ई-गिरदावरी की प्रमुख विशेषताएं
किसान अपनी पूरी भूमि की गिरदावरी खुद कर सकते हैं, चाहे खेत में एक से अधिक फसलें क्यों न हों।
बिना फसल वाली जमीन की भी गिरदावरी की जा सकती है, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।
इस एप के जरिए गिरदावरी की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, और फसल बीमा समेत सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।

ई-गिरदावरी से किसानों को क्या फायदा?
ई-गिरदावरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे पटवारियों के पास चक्कर लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी। किसान अपनी फसल की सटीक जानकारी सही समय पर दर्ज कर सकेंगे, जिससे फसल बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

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