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Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना के 5 नियमों में बदलाव, पैसा जमा करने से पहले जान लें यह नए नियम, वरना…..

जिस भी पिता के पास एक बेटी होती है तो वह पिता अपनी बेटी के भविष्य की प्लानिंग उसके पैदा होते है करने लग जाता है। तो अब ज्यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योकि अब आप सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं में निवेश कर अपनी बेटी का भविष्य सिक्योर कर सकते हैं।
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सुकन्या समृद्धि योजना के 5 नियमों में बदलाव, पैसा जमा करने से पहले जान लें यह नए नियम, वरना…..

Sukanya Samriddhi Yojana: जिस भी पिता के पास एक बेटी होती है तो वह पिता अपनी बेटी के भविष्य की प्लानिंग उसके पैदा होते है करने लग जाता है। तो अब ज्यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योकि अब आप सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं में निवेश कर अपनी बेटी का भविष्य सिक्योर कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ऐसी ही एक योजना है 'सुकन्या समृद्धि योजना' (SSY) इसमें 80C के तहत निवेश पर छूट भी मिलती है। आइए जानते हैं एसएसवाई में हुए 5 बड़े बदलावों के बारे में।

इन नियमों में हुआ बदलाव 

बेटी की मृत्यु या बेटी का निवास स्थान बदलने पर 'सुकन्या समृद्धि योजना' का खाता पहले बंद किया जा सकता था। लेकिन अब इसमें खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी शामिल कर लिया गया है। अभिभावक की मृत्यु की स्थिति में भी खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।

अब तीसरी बेटी का भी होगा भविष्य सुरक्षित 

इससे पहले 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ केवल दो बेटियों के खाते में ही मिलता था। यह तीसरी बेटी के लिए किसी काम का नहीं था। लेकिन अब अगर एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है।

ब्याज के नियमों में हुआ बदलाव 

खाते में सालाना न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने का प्रावधान है। न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर खाता डिफॉल्ट हो जाता है। नए नियमों के तहत अगर खाता फिर से सक्रिय नहीं किया जाता है तो परिपक्वता तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा। पहले ऐसा नहीं था।

खाते के संचालन के नियम

पहले बेटी 10 साल में अकाउंट ऑपरेट कर सकती थी। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब बेटियों को 18 साल की उम्र से पहले अकाउंट ऑपरेट करने की इजाजत नहीं है. इस उम्र तक अभिभावक ही खाते का संचालन करेंगे।

जाने ये महत्वपूर्ण जानकारी

नए नियमों के तहत खाते में गलत ब्याज को वापस करने का प्रावधान हटा दिया गया है। इसके अलावा, हर वित्तीय वर्ष के अंत में खाते का वार्षिक ब्याज जमा किया जाएगा।

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