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MDU में अब तीन नहीं बल्कि 4 साल की होगी BCA, नई शिक्षा नीति के तहत इसी शैक्षणिक सत्र से नियम लागू

बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (BCA) में एडमिशन लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए एक जरूरी खबर सामने आ रही है। इस कोर्स की मियाद अवधि को तीन साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। 
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MDU में अब तीन नहीं बल्कि 4 साल की होगी BCA, नई शिक्षा नीति के तहत इसी शैक्षणिक सत्र से नियम लागू 

Rohtak News: बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (BCA) में एडमिशन लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए एक जरूरी खबर सामने आ रही है। इस कोर्स की मियाद अवधि को तीन साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। 

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) के प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP) को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है और इस संबंध में बाकायदा संबंधित महाविद्यालयों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत अभी केवल BCA कोर्स की अवधि बढ़ाई गई है। हालांकि पाठ्यक्रम को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। लेकिन नए शैक्षणिक सत्र से इसे लागू कर दिया गया है।

द्वितीय व तृतीय वर्ष के स्टूडेंट्स पर नहीं होगा लागू

MDU, रोहतक में नए शैक्षणिक सत्र से NEP-2020  को लागू कर दिया गया है। हालांकि MDU से संबंधित कॉलेजों में केवल व्यावसायिक पाठ्यक्रम (प्रोफेशनल कोर्स) BCA को ही इस सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत करवाने के लिए पत्र जारी किया गया है। 

अन्य सभी पाठ्यक्रम पुरानी नीति के तहत ही करवाए जाएंगे। आगामी वर्ष से सभी कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के तहत ही पाठ्यक्रमों में एडमिशन किए जाएंगे। BCA पाठ्यक्रम में भी नए शैक्षणिक सत्र में प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स पर ही यह नीति लागू होगी। द्वितीय व तृतीय वर्ष के स्टूडेंट्स पर यह नीति लागू नहीं होगी।

तीन साल में ग्रेजुएशन और 5 साल में मास्टर डिग्री

नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्ष के ग्रेजुएशन का नियम लागू किया गया है। हालांकि अभी यह सिर्फ BCA के लिए ही लागू किया गया है। नियम के तहत यदि कोई स्टूडेंट 3 साल पढ़ाई करेगा तो उसे ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाएगी। अगर चौथे साल भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करता है तो वह ऑनर्स में शामिल हो जाएगा। उसे एक वर्ष की ही पोस्ट ग्रेजुएट करनी पड़ेगी। ऐसे में स्टूडेंट 5 साल में ही मास्टर डिग्री पूरी करेगा।

NEP में ड्रापआउट को भी होगा फायदा

NEP के तहत 12वीं के बाद ग्रेजुएशन चार साल की होगी। यदि कोई स्टूडेंट पहली साल के बाद पढ़ाई छोड़ता है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा, दो साल की पढ़ाई करने पर डिप्लोमा मिलेगा, तीन साल की पढ़ाई के बाद डिग्री प्राप्त होगी और चार साल की पढ़ाई पूरी करने पर ऑनर्स में शामिल किया जाएगा।

  यदि स्टूडेंट बीच के किसी भी वर्ष में किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ता है और कुछ साल के बाद दोबारा पढ़ाई शुरू करना चाहता है तो उसने जिस साल से पढ़ाई छोड़ी है, वहीं से पूरी कर सकता है। 

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