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Womens Day 2022: महिला दिवस पर सरकार की बड़ी पहल, स्कूल छोड़ चुकीं लड़कियों को शिक्षा से वापस जोड़ा जाएगा

शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के लिए सोमवार को कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना की शुरुआत की है। 
कन्या Womens Day 2022: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने स्कूल न जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना की शुरुआत की है। 

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Womens Day 2022: महिला दिवस पर सरकार की बड़ी पहल, स्कूल छोड़ चुकीं लड़कियों को शिक्षा से वापस जोड़ा जाएगा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने लड़कियों के लिए एक बड़ी स्कीम लॉन्च की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ चुकीं छात्राओं को पुन: शिक्षा प्रणाली से जोड़ने की पहल शुरू की गई है। मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने स्कूल न जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के लिए सोमवार को कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना की शुरुआत की है। 
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे ने कहा कि अभी तक केवल चार लाख स्कूल न जाने वाली किशोरियां ही आंगनबाड़ियों में पोषण, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम के लिए आ रही हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पांडे ने कहा कि कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना को शिक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से स्कूल न जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाना मुख्य लक्ष्य रहा है।
सचिव इंदेवर पांडे ने बताया कि हम स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं जो जिला और ब्लॉक स्तरों पर शिक्षा अधिकारियों की देखरेख में आंगनबाड़ी द्वारा संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा, इसकी आवश्यकता इसलिए है क्योंकि किशोर लड़कियों के लिए योजना (एसएजी) का रिस्पॉन्स कम मिल रहा था। 
 
पांडे ने कहा कि 2018-19 में 11.88 लाख लड़कियां थीं जो एसएजी योजना के तहत लाभार्थी थीं और 2021 में यह संख्या घटकर 5.03 लाख हो गई। सक्षम आंगनबाड़ी के तहत हमारी नई योजना में, हम केवल 14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को ही लेंगे। वहीं, 11 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियां नई स्कूली शिक्षा में आंगनबाड़ी प्रणाली में नहीं आएंगी, जो केवल पूर्वोत्तर राज्यों और हमारे सभी आकांक्षी जिलों का ध्यान रखेगी।
पांडेय ने उम्मीद जताई की कि थोड़े ही समय के भीतर हम एक ऐसी स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां हम स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों को पुन: औपचारिक स्कूली शिक्षा प्रणाली में शामिल कर पाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि लड़कों और लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा, विशेष रूप से लड़कियां, शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे। 

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