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Sarkari Naukri: नहीं मिल रही है नौकरी तो न माने हार, भारत का यह मंत्रालय बहुत लोगों को देता है रोजगार

भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय 2.92 मिलियन लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा एंप्लॉयर है, जिसमें कंबाइंड एक्टिव सर्विस पर्सनल, रिजर्विस्ट्स और सिविलियन स्टाफ शामिल हैं
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Sarkari Naukri: नहीं मिल रही है नौकरी तो न माने हार, भारत का यह मंत्रालय बहुत लोगों को देता है रोजगार

भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय 2.92 मिलियन लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा एंप्लॉयर है, जिसमें कंबाइंड एक्टिव सर्विस पर्सनल, रिजर्विस्ट्स और सिविलियन स्टाफ शामिल हैं. 2022 में दुनिया भर में सबसे बड़े कार्यबल वाले नियोक्ताओं पर स्टेटिस्टा इन्फोग्राफिक के अनुसार, भारतीय रक्षा मंत्रालय के करीब दूसरा अमेरिकी रक्षा विभाग है, जो 2.91 मिलियन लोगों को रोजगार देता है.

कुल कर्मचारियों की संख्या 2.92 मिलियन

स्टेटिस्टा जर्मनी का एक निजी संगठन है जो दुनिया भर में अलग अलग मुद्दों के बारे में डेटा और आंकड़े प्रदान करता है. "दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं के लिए रैंकिंग के टॉप पर भारत का रक्षा मंत्रालय है. एक्टिव सर्विस पर्सनल, रिजर्विस्ट्स और सिविलियन स्टाफ को मिलाकर, कुल कर्मचारियों की संख्या 2.92 मिलियन है - संयुक्त राज्य अमेरिका के समकक्ष, रक्षा विभाग से आगे, "रिपोर्ट में कहा गया है.

मार्केट और कंज्यूमर डेटा में विशेषज्ञता रखने वाली हैम्बर्ग स्थित फर्म ने कहा कि चीन में, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, जिसमें सिविलियन पदों को शामिल नहीं किया गया है, लगभग 2.5 मिलियन लोगों को रोजगार देता है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "अमेरिकी रक्षा विभाग के चीनी समकक्ष, सेट्रल मिलिक्ट्री कमीशन में 6.8 मिलियन लोग कार्यरत हो सकते हैं, हालांकि यह आंकड़ा इस लिस्ट में शामिल होने के लिए पर्याप्त रूप से विश्वसनीय नहीं माना गया था."

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की किसी भी कंपनी में वॉलमार्ट से ज्यादा कर्मचारी नहीं हैं. स्टेटिस्टा का हवाला देते हुए, "अमेरिकी खुदरा दिग्गज की लेटेस्ट जानकारी ने यह आंकड़ा 2.3 मिलियन के बड़े पैमाने पर रखा है. अमेजन का नंबर भी इसके बाद आता है जो कि 1.6 मिलियन-मजबूत वर्क फोर्स के साथ दूसरे स्थान पर होने के बावजूद करीब नहीं है."

स्टेटिस्टा का यह लेटेस्ट इन्फोग्राफिक 2021 में कुल वैश्विक सैन्य खर्च 2113 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंचने के बाद आश्चर्य की बात नहीं है.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2021 में पांच सबसे बड़े खर्च करने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम और रूस थे, जो कुल खर्च का 62 प्रतिशत हिस्सा थे.

2021 में अमेरिकी सैन्य खर्च 801 बिलियन अमरीकी डालर था, जबकि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खर्च करने वाले चीन ने अपनी सेना को अनुमानित रूप से 293 बिलियन अमरीकी डालर आवंटित किए. इस बीच, SIPRI की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का 76.6 बिलियन अमरीकी डालर का सैन्य खर्च दुनिया में तीसरे स्थान पर है.

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